ऑनलाइन नक्शा पास करने के लिए निगम में ऑटोडीसीआर सेल है। इसका कामकाज सॉफ्टेक और सीनेट कंपनी के कर्मचारी संभालते है, जिनकी कार्यशैली को लेकर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। हालिया व्यवस्था में प्रायवेट इंजीनियर द्वारा ऑनलाइन नक्शा लगाने के बाद ऑटोडीसीआर सेल में जांच होती है। नक्शे की ड्राइंग-डिजाईन देखे जाने के बाद की स्क्रूटनी की जाती है। सबकुछ ठीक होने पर वेरीफाई किया जाता है। इसके बाद नक्शे की पीडीएफ बनती और प्रिटिंग के लिए जाता है। प्रिटिंग वेरीफाई होने के बाद नक्शा ऑनलाइन पास होकर संबंधित बिल्डिंग इंस्पेक्टर (बीआई) और बिल्डिंग अफसर (बीओ) के पास जाता है, जो कि नक्शा आगे बढ़ाकर पहले फीस मेमो जनरेट करते हैं और फिर फीस भराने पर डिजिटल साइन करते हैं। ऑटोडीसीआर सेल में अभी तकरीबन 6 कर्मचारी काम करते हैं , लेकिन 1 अप्रैल से व्यवस्था में हो रहे बदलाव के चलते यह सारे कर्मचारी हट जाएंगे और पूरा काम कंप्यूटराइज्ड हो जाएगा। प्रायवेट इंजीनियर द्वारा नक्शा लगाने के बाद सारा काम कंप्यूटर पर ऑटोमैटिक होने लगेगा। सिर्फ व्यवस्था को बदला जा रहा है। नक्शे से संबंधित दस्तावेज जांचने और आगे बढ़ाने का काम बिल्डिंग परमिशन शाखा में तैनात उपयंत्री और डिजिटल साइन बीओ-बीआई ही करेंगे।
सॉफ्टवेयर में किया बदलाव
निगम में अभी एबीटीएएस-वन के तहत काम होता है, ऑटोमैटिक के लिए सॉफ्टवेयर बदलकर एबीटीएएस-टू नाम से लागू किया गया है। पूरे प्रदेश में एक जैसा सिस्टम हो जाएगा, पर पूरी कमान सरकार के हाथ में रहेगी। एबीटीएएस-टू का एक ऑफिस बेंगलुरु और दूसरा भोपाल में रहेगा। निगम अफसरों के अनुसार यह नई व्यवस्था प्रदेश की सभी नगर पंचायत, नगर पालिक निगम और नगर परिषद में लागू कर दी गई है। नए सिस्टम के तहत लोगों को कितनी सुविधा होगी और कितनी असुविधा, इसका पता नई व्यवस्था लागू होने के बाद ही चलेगा।
निगम में अभी एबीटीएएस-वन के तहत काम होता है, ऑटोमैटिक के लिए सॉफ्टवेयर बदलकर एबीटीएएस-टू नाम से लागू किया गया है। पूरे प्रदेश में एक जैसा सिस्टम हो जाएगा, पर पूरी कमान सरकार के हाथ में रहेगी। एबीटीएएस-टू का एक ऑफिस बेंगलुरु और दूसरा भोपाल में रहेगा। निगम अफसरों के अनुसार यह नई व्यवस्था प्रदेश की सभी नगर पंचायत, नगर पालिक निगम और नगर परिषद में लागू कर दी गई है। नए सिस्टम के तहत लोगों को कितनी सुविधा होगी और कितनी असुविधा, इसका पता नई व्यवस्था लागू होने के बाद ही चलेगा।
निगम में रहेगा तकनीकी सलाहकार
नक्शा लगाने के बाद आने वाली समस्या का समाधान करने के लिए निगम में एक तकनीकी सलाहकार तैनात किया जाएगा। सलाहकार नक्शे से संबंधित समस्या का निदान कराएगा, लेकिन ऑनलाइन नक्शे में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। अभी ऑटोडीसीआर सेल में बैठने वाले कर्मचारी नक्शे में आने वाली कमी को दूर करने के लिए रिजेक्ट कर देते हैं। साथ ही समस्या आने पर मेल द्वारा पूना भेजकर हल करवाते हैं। नई व्यवस्था में यह सारा काम ऑटोमैटिक होगा।
नक्शा लगाने के बाद आने वाली समस्या का समाधान करने के लिए निगम में एक तकनीकी सलाहकार तैनात किया जाएगा। सलाहकार नक्शे से संबंधित समस्या का निदान कराएगा, लेकिन ऑनलाइन नक्शे में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। अभी ऑटोडीसीआर सेल में बैठने वाले कर्मचारी नक्शे में आने वाली कमी को दूर करने के लिए रिजेक्ट कर देते हैं। साथ ही समस्या आने पर मेल द्वारा पूना भेजकर हल करवाते हैं। नई व्यवस्था में यह सारा काम ऑटोमैटिक होगा।