बारिश की वजह से तकरीबन 90 वर्ष पुराना कुलकर्णी भट्ठा पुल 12 अगस्त 2018 को क्षतिग्रस्त हुआ था। इसके बाद पुल से ट्रैफिक बंद कर निर्माण कार्य सितंबर 2018 में शुरू किया गया। लंबे समय से चल रहा काम पुरा न होने से आसपास के रहवासी अलग परेशान हैं। पुल टूटने के बाद से ट्रैफिक को सुभाष नगर चौराहा से मालवा मिल मुक्तिधाम वाली रोड से विश्रांति चौराहा की तरफ डायवर्ट किया गया है। यहां पर सुबह से लेकर देर रात तक ट्रैफिक का इतना दबाव रहता है कि लोग परेशान होने के साथ यातायात जाम में फंसते रहते हैं। इसके अलावा सुभाष नगर चौराहा से पुल की तरफ जाने वाले रोड़ पर व्यापार पूरी तरह चौपट हो गया है। ऐसे ही हालात पुल की दूसरी तरफ यानी भंडारी मिल पुल जाने वाली रोड के हैं। इसे अब पुल के हिसाब से 100 फीट चौड़ा बनाया जा रहा है।
एक वर्ष में पुल का काम पूरा करके जनता को सौंप देने की बात निगम पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के अफसरों ने की थी, जो अपनी बात पर खरे नहीं उतरे। आज 3 वर्ष 9 माह से ज्यादा गुजरने के बावजूद भी पुल तैयार नहीं हुआ है। बाधक निर्माण हटने के बावजूद एप्रोच रोड बनाने का काम कछुआ चाल चल रहा है, जबकि स्वदेशी मिल की तरफ उतरने वाली भुजा और परदेशीपुरा (सुभाष नगर) चौराहा की तरफ वाली भुजा की स्लैब डाले निगम को लंबा समय हो गया। काम की कछुआ चाल के चलते 31 मार्च 2022 से चालू होने वाला कुलकर्णी भट्ठा पुल 30 अप्रैल तक शुरू करने दावा किया गया, जो अब फिर से फेल हो गया। अधूरे पड़े पुल के काम और फिनिङ्क्षशग को पूरा करने में अभी एक माह लगेगा। ऐसे में पुल पर से ट्रैफिक निकालने की नई तारीख 30 मई कर दी गई है। हालांकि निगम ने कुलकर्णी भट्ठा और भानगढ़ पुल को एकसाथ चालू करने की प्लाङ्क्षनग कर रखी है।
जिम्मेदार का जवाब, अब नहीं होगी देरी
कुलकर्णी भट्ठा पुल को एक माह देरी से शुरू करने को लेकर निगम पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर से सवाल किए गए। इस पर उन्होंने एप्रोच रोड में बाधित निर्माण व अतिक्रमण का न हटना और तकरीबन 9 मीटर लंबी रिटेङ्क्षनग वॉल बनने में देरी होने की बात कही है। इसके साथ ही बिजली की एचटी व एलटी लाइन शिङ्क्षफ्टग सहित ड्रेनेज - पानी की पाइप लाइन डालने का काम करना बताया। इस कारण पुल को शुरू करने में एक माह की देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि मई में पुल का काम किसी भी सूरत में पूरा कर ट्रैफिक के लिए चालू कर दिया जाएगा।