डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (बल्क कचरा कलेक्शन) को लेकर शुल्क नगर निगम ने तय कर रखा है। इसके लिए आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों से अलग-अलग रेट जोन के हिसाब से वसूली की जा रही है। कई लोग यह शुल्क नकद जमा कराते हैं और कई चेक के माध्यम से पैसा देते हैं। चेक देने के बाद कई लोग खुद बाउंस करा देते हैं या फिर खाते में पैसा न होने से बाउंस हो जाता है। कई बार तकनीकी कारणों के चलते चेक बाउंस हो जाता है। इस कारण निगम को पैसा नहीं मिलता है। इसलिए अब निगम ने फैसला लिया है कि कचरा कलेक्शन शुल्क के मिलने वाले चेक अब किसी भी कारण से बाउंस हुए तो संबंधित करदाता पर 500 रुपए का जुर्माना लगाकर वसूल किया जाएगा। निगम में पहली बार इस व्यवस्था के लागू होने के बाद सूचना भी सार्वजनिक कर दी गई है, ताकि लोगों को मालूम पड़ सके।
निगम वित्तीय वर्ष 2019-2020 का बजट 12 जून को पेश करने के दौरान महापौर मालिनी गौड़ ने कचरा कलेक्शन के चेक बाउंस होने पर 500 रुपए का अर्थदंड लगाने की घोषणा कर दी थी। अगले दिन इस पर बहस होना थी, लेकिन बजट पर रखी गई बहस के दौरान पानी को लेकर कांग्रेसियों ने हंगामा कर दिया और मारपीट अलग हो गई। बहस से पहले पानी को लेकर हंगामा होने के चलते निगम का बजट बहुमत के आधार पर पास हो गया और बहस नहीं हो पाई। बजट में कचरा शुल्क का चेक बाउंस होने पर 500 रुपए का अर्थदंड वसूल करने का प्रस्ताव पास होने के बाद अब राजस्व विभाग ने इसे लागू कर दिया है। डोर-टू-डोर और बल्क कचरा कलेक्शन शुल्क के रेट जोन को यथावत रखते हुए दंड की सजा तय की गई है। अभी तक चेक बाउंस पर निगम कोई चार्ज नहीं लगाती थी पर अब लगाएगी।