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भगवान भोलेनाथ की शरण में पहुंचे कैलाश और आकाश, आधे घंटे तक गाए भजन इस मामले में उन्हें तीन दिन तक जेल में भी रहना पड़ा। निगम ने इसके बाद इस मकान को तोडऩे की कार्रवाई रविवार को तय की, लेकिन पुलिस बल द्वारा आपत्ति के बाद इसे भी टाल दिया गया। उसके बाद मंगलवार की तारीख तय हुई, लेकिन सोमवार को मामला हाई कोर्ट ( indore
High Court ) में चला गया। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख तय की है। दूसरी ओर विधायक विजयवर्गीय ने भी इस मकान और अन्य खतरनाक मकानों को लेकर निगम में ‘खतरनाक मकान घोटाले’ का आरोप लगाया है।
सुबह की थी तैयारी सोमवार को निगम अफसरों ने इस मकान को तोडऩे के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। निगम ने 100 से ज्यादा कर्मचारियों की रिमूवल टीम सहित आवश्यक संसाधन भी जुटा लिए थे। शाम को निगम टीमों को सुबह कार्रवाई के लिए इकट्ठा होने के आदेश भी जारी कर दिए गए थे, लेकिन शाम को अचानक कार्रवाई टाल दी गई।
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‘बैटमार’ MLA का मंत्री सज्जन वर्मा को खुला चैलेंज, कहा- CBI जांच कराओ, गलत साबित हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति बायस के हुए बयान घटना के बाद निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस की तबीयत बिगडऩे पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उनके बयान पुलिस ने लिए। टीआई एमजी रोड राजेंद्र चतुर्वेदी ने बताया, निगम अधिकारी के बयान के आधार पर मामले में जयंत पांचाल, सुमित पिपले, भेरुलाल श्रीवंश, प्रेम विजयवर्गीय को भी आरोपी बनाया गया है।
– हम कार्रवाई नहीं करेंगे, फिलहाल इसे कब तोड़ा जाएगा, यह तय नहीं है। जल्द ही नई तारीख तय कर कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्रसिंह चौहान, उपायुक्त, रिमूवल