खेड़ेकर के निर्देश पर धुरिया बाहर चला गया, लेकिन 5 मिनट पश्चात पुन: आया और टेबल पर रखी नोटशीट व रजिस्टर पर से सहायक आयुक्त खेड़ेकर का हाथ हटाते हुए छीनने का प्रयास करने लगा। इस पर वे चिल्लाईं तो धुरिया बाहर चला गया और कुछ देर बाद अनधिकृत दबाव बनाने के लिए पुन: यूनियन के पदाधिकारियों को लेकर आया। अपने गलती न मानते हुए बहसबाजी और बदसलूकी करने लगा। इस पर खेड़ेकर ने धुरिया सहित यूनियन पदाधिकारियों को अपने कक्ष से बाहर करने के साथ पूरे मामले से निगमायुक्त प्रतिभा पाल को अवगत कराया।
धुरिया की इस हरकत को निगमायुक्त पाल ने गंभीरता से लिया और उसके उक्त कृत्य को अत्यंत अशोभनीय, अमर्यादित आचरण का होकर अनुशासनहीनता मना। खेड़ेकर के कक्ष में घुसकर बदसलूकी करने, काम के प्रति लापरवाही बरतने, सेवानिवृत्त सफाईकर्मियों का जीपीएफ भुगातन लेट करने और मनमर्जी से काम करने वाले धुरिया को सस्पेंड कर ट्रेंचिंग ग्राउंड भेज दिया है। बताया जाता है कि धुरिया के स्तर से पूर्व में भी सफाई कामगारों के जीपीएफ अंतिम भुगतान के प्रकरण सेवानिवृत्ति पश्चात कई महीने विलंब से प्रस्तुत किए जाने के कारण इन्हें मौखिक चेतावनी दी गई, लेकिन इनकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ।