scriptफर्जी बोरवेल कांड में निगमकर्मी अंकित तिवारी बर्खास्त | Municipal employees Ankit Tiwari sacked in borewell scandal | Patrika News

फर्जी बोरवेल कांड में निगमकर्मी अंकित तिवारी बर्खास्त

locationइंदौरPublished: Aug 08, 2020 11:20:24 am

Submitted by:

Uttam Rathore

इंदौर नगर निगम के अन्य कर्मचारियों की भूमिका को लेकर हो रही जांच

फर्जी बोरवेल कांड में निगमकर्मी अंकित तिवारी बर्खास्त

फर्जी बोरवेल कांड में निगमकर्मी अंकित तिवारी बर्खास्त

इंदौर. फर्जी सील-साइन से बोरवेल की अनुमति देने वाले नगर निगम के मस्टरकर्मी अंकित तिवारी को जहां पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वहीं आज उसे नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है। इसको लेकर आदेश निगमायुक्त ने जारी कर दिए हैं। साथ ही बोरवेल कांड में अन्य निगमकर्मियों की भूमिका तो नहीं है। इसको लेकर जांच भी कराई जा रही है।
राजेंद्र नगर क्षेत्र की एक कॉलोनी में बोरवेल के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। पैसों के लालच में फर्जी सील-साइन से बोरवेल की अनुमति देने वाले पीएचई के मूसाखेड़ी ऑफिस पर तैनात मस्टर निगम कम्प्यूटर ऑपरेटर अंकित तिवारी को राजेंद्र नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो कि निगम अफसरों की नाक के नीचे लंबे समय से यह फर्जीवाड़ा कर रहा था और अभी तक 12 अनुमति दे चुका है। इस बार ट्रेजर टाउन की अनुमति देने में अंकित गलती करने से पकड़ा गया। यह क्षेत्र राउ एसडीएम के अंतर्गत आता है और उसने प्लॉट पर बोरवेल की अनुमति में कनाडिय़ा एसडीएम की सील व हस्ताक्षर चिपका दिए। मामला राजेंद्र नगर पुलिस थाने पर पहुंचा तो अंकित का फर्जीवाड़ा सामने आ गया और वह सलाखों के पीछे पहुंच गया। फर्जी तरीके से बोरवेल की अनुमति देने वाले अंकित से जहां पुलिस पूछताछ कर रही है, वहीं निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने मस्टर निगमकर्मी अंकित को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश जार कर दिए हैं। आज दोपहर तक वह बर्खास्त हो जाएगा।
निगमायुक्त पाल ने नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव को निर्देशित किया है कि अंकित के साथ बोरवेल और पीएचई विभाग के अन्य किसी निगमकर्मी की भूमिका शामिल तो नहीं। इसकी पूरी तरह से जांच कर रिपोर्ट आज शाम तक प्रस्तुत की जाए। जांच में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की हिदायत उन्होंने दी है। मालुम हो कि अंकित का काम बोरवेल की रिपोर्ट पर जलयंत्रालय एवं ड्रेनेज विभाग के अपर आयुक्त, पीएचई के अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री के हस्ताक्षर करवाकर उसे कलेक्टोरेट में देने का था। पुसिल ने रात को ही कनाडिय़ा एसडीएम सोहन कनास की शिकायत पर अंकित के खिलाफ धोखाधोड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घर से सील बनाने की मशीन मिली
एसपी महेशचंद्र जैन ने बताया कि कल आरोपी अंकित के ठिकाने पर भी छापा मारा गया था। उसे भी हिरासत में लिया गया है। आरोपी के पास से सील बनाने की मशीन मिली है। इसके साथ ही एसडीएम राऊ और कनाडिय़ा की फर्जी सील भी मिली है। आरोपियों के पास से कुछ कागजात भी मिले हैं। बदमाश ने फर्जी सील के जरिए ही अनुमति पत्र तैयार किए थे।
पुरानी अनुमतियों की निकाल रहे जानकारी
अंकित से पुराने सारे दस्तावेजों के बारे में जानकारी निकाली जा रही है। पुलिस हर अनुमति का क्षेत्र के अफसरों से मिलान कराएगी। अंकित ने पूछताछ में साथियों के नाम कबूले हैं। कल देर रात तक अफसर उससे पूछताछ करते रहे। एएसपी मनीष खत्री ने बताया कि आरोपी से पूछताछ चल रही है। बदमाश से कुछ और लोगों के भी मिले होने की जानकारी मिली है।
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