गौरतलब है कि गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से निकले डॉ. प्रकाश सतवानी अमेरिका के नामी बोनमेरो स्पेशलिस्ट हैं। एमवाय अस्पताल का बोनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट उन्हीं की देखरेख में बना है। इसके निर्माण से लेकर वर्षभर में कई बार उन्होंने इसका दौरा किया। इसके सक्सेस होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इस यूनिट के संचालन में अमेरिका कि गाईड लाईनों का पालन किया जा रहा है। एमवाय अस्पताल में होने के बावजूद यह सभी प्रायवेट अस्पतालों कि बोनमेरो यूनिट से अत्याधुनिक और बेहतर है। डॉ. सतवानी ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज कि डॉ. प्रीति मालपानी और डॉ. प्राची चौधरी को अमेरिका कि कोलंबिया युनिवर्सिटी में विशेष रूप से ट्रेनिंग दी है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज कि डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने बताया कि एमवायएच की यह बोनमेरो यूनिट देश की सबसे बेहतर यूनिट है, जो हम नहीं यहां के आंकड़े कह रहे हैं। हम आगे भी इसी तरह निरंतर चलाने का प्रयास कर रहे हैं।
पीडियाट्रिक हिमेटोएंकोलॉजी करेंगे शुरू
बोनमेरो यूनिट सफल हो जाने के बाद अब एमवायएच में शिशु कैंसर से संबंधित पीडियाट्रिक हिमेटोएंकोलॉजी यूनिट शुरू होगी। इसके लिए पूरी तैयारी हो गई है। आज एमवाय अस्पताल में होने वाले एक कार्यक्रम में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। वहीं बोनमेरो यूनिट के सफल संचालन के लिए डॉ. प्रकाश सतवानी व स्थानीय डॉक्टरों का भी सम्मान किया जाएगा। विशेष रूप से अमेरिका से डॉ. सतवानी इसके लिए इंदौर आए हैं।