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खुद की सम्पत्तियों का किराया भी नहीं वसूल पा रहा निगम

locationइंदौरPublished: Jan 15, 2021 06:11:07 pm

लीज राशि जमा करवाने में हमेशा रहता है पीछे

खुद की सम्पत्तियों का किराया भी नहीं वसूल पा रहा निगम

खुद की सम्पत्तियों का किराया भी नहीं वसूल पा रहा निगम

इंदौर. एक ओर केंद्र सरकार और राज्य सरकार नगर निगम को अपनी आय को बढ़ाने के लिए लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर नगर निगम अपनी ही सम्पत्तियों से पैसा वसूल नहीं कर पा रहा है। शहर में नगर निगम की जो सम्पत्तियांं लीज पर दी गई है। उनमें से अधिकांश का लीजरेंट नगर निगम को नहीं मिल रहा है। इसके बाद भी निगम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। निगम की पूरे शहर में लगभग 4 हजार से ज्यादा सम्पत्तियां हैं। ये सभी सम्पत्तियां शहर के मध्यक्षेत्र और पलासिया के आसपास के क्षेत्र में हैं। इनमें से अधिकांश की कीमत करोड़ों में हैं। 90 साल की लीज पर नगर निगम द्वारा दी गई इन सम्पत्तियों के एवज में हर साल लीज रेंट जमा करवाना इसकी शर्तों में से एक है। लेकिन इनमें से अधिकांश सम्पत्तियों ऐसी हैं, जिनकी लीज रेंट बरसों से निगम में जमा ही नहीं करवाए गए हैं। लीज शर्तों के इस उल्लंघन के बाद भी नगर निगम इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
लीज पर लेने वाले कर रहे कमाई
नगर निगम द्वारा स्नेहलतागंज, मनोरमागंज, पलासिया, खातीपुरा, तोपखाना क्षेत्र में जमीनों को जनता को खुद के रहवास के लिए लीज पर दिया था। इन जमीनों पर फिलहाल बिल्डिंगें और दुकानें बन गई हैं, जिनका किराया ही प्रतिमाह २०-२० हजार रुपए तक लीजधारियों को मिल रहा है। जबकि निगम को सालाना महज ५०० रुपए तक का लीज रेंट जमा करवाना होता है।
लीज रिन्यूअल के नियम अटके
वहीं नगर निगम ने अपनी सम्पत्तियों से अपनी आय बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पूर्व में राज्य सरकार को भेजा था। इसमें व्यावसायिक क्षेत्र में मौजूद स सम्पत्तियों को लीज पर देने के समय उसके गाइड लाइन मूल्य की १० फिसदी राशि बतौर लीज रेंट के तय की जानी थी। लेकिन ये प्रस्ताव अभी भी सरकार के पास ही अटका पड़ा है। नगर निगम के अधिकारी इस पर ध्यान ही नहीं दे पा रह ेहैं।
नहीं है रेकॉर्ड
दरअसल, नगर निगम की सम्पत्तियों को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि नगर निगम की जो सम्पत्तियां लीज पर हैं, उनका कोई रेकॉर्ड ही नगर निगम के पास नहीं है। नगर निगम में लीज शाखा तो है, लेकिन रेकॉर्ड के नाम पर कभी ये नहीं देखा जाता है कि आखिरी बार लीज रेंट कब मिला था। नगर निगम में लीज रेंट की जांच और वसूली करना तो दूर की बात है निगम द्वारा बकाया लीज के लिए नोटिस तक जारी नहीं किए जाते हैं।
सम्पत्ति का सर्वे करवा रहे
हम शहर में मौजूद अपनी सम्पत्ति का सर्वे करवा रहे हैं। जल्द ही सर्वे रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद हम सभी सम्पत्तियों के लीज की स्थिति को देखते हुए लीज राशि वसूली करेंगे।
– एस. कृष्ण चैतन्य, प्रभारी निगमायुक्त
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