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नाला टैपिंग ने रोकी निर्माण की रफ्तार

locationइंदौरPublished: Jan 21, 2021 06:46:55 pm

जवाहर मार्ग ब्रिज से पागनीसपागा और कड़ावघाट सडक़ का काम रुका

नाला टैपिंग ने रोकी निर्माण की रफ्तार

नाला टैपिंग ने रोकी निर्माण की रफ्तार

इंदौर. स्वच्छता सर्वे के पहले होने वाले वाटर प्लस सर्वे की तैयारियों ने शहर की प्रमुख सडक़ों की राह रोक दी है। जवाहर मार्ग ब्रिज से लेकर पागनीसपागा तक सरस्वती नदी के किनारे बनने वाली सडक़ और गंगवाल से सरवटे के बीच की सडक़ के मच्छी बाजार तक के हिस्से की सडक़ निर्माण की रफ्तार रुक गई है।
स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली इन दोनों सडक़ों की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, उन्हें नाला टेपिंग के काम में लगवा दिया गया। इसके कारण वे इन सडक़ों को बनवाने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। नगर निगम ने नाला टैपिंग को २० जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया था। इसके चलते पूरे संसाधन इसमें लगा दिए हैं। अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा के साथ स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी को इसकी जिम्मेदारी दी है। नाला टैपिंग को वरीयता देने के चलते अफसर भी इसी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
जवाहर मार्ग से पागनीसपागा
एक हिस्से जवाहर मार्ग से चंद्रभागा पुल तक साउथ तोड़ा के २८२ मकानों को निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने हटाया था। इन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों में शिफ्ट किया था। वहीं, चंद्रभागा पुल से पागनीसपागा तक के हिस्से के ६२ मकानों को भी इस सडक़ के लिए तोड़ा जाना है। इन्हें भी नगर निगम ने पीएमएवाय के मकानों में शिफ्ट करने की योजना बनाई, लेकिन इसे खाली करवाने और मकान अलॉट करने की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई है। अधिकारी नाला टेपिंग में व्यस्त हैं।
सिलावटपुरा से मच्छी बाजार
इस सडक़ के सिलावटपुरा चौराहे से लेकर मच्छीबाजार चौराहे तक के हिस्से में पूर्व में बाधक निर्माणों को हटाया जा चुका है, लेकिन १८५ मकानों का कुछ हिस्सा अभी भी बाधक है। इन्हें भी हटाना है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने दिसंबर में इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया था, लेकिन तब लोगों ने निर्माण खुद हटाने की बात कही थी, किंतु बाद में यहां पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। इसके चलते यहां से बाधक निर्माण अभी तक नहीं हट पाए हैं।
समय सीमा हुई पूरी, काम रह गया अधूरा
देश का पहला वाटर प्लस शहर बनने के लिए इंदौर में पिछले चार महीनों से चल रहे काम को बुधवार को पूरा होना था, लेकिन इसके लिए तय समय सीमा खत्म हो गई, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया। अभी भी लगभग १५ फीसदी काम बाकी है। अगले पांच दिनों में नगर निगम इस काम को पूरा कराने की कोशिश कर रही है।
नगर निगम ने शहर के नदी-नालों में मिलने वाले गंदे पानी के आउटफाल्स को रोकने के लिए नाला टेपिंग का काम किया जा रहा था। नगर निगम ने इस काम को २० जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था। इस काम को समय पर पूरा करने के लिए नगर निगम के सभी अधिकारियों और संसाधनों को निगम ने इस काम में लगा दिया था। दो शिफ्टों में सभी साइटों पर काम करवाया जा रहा था। लेकिन समय सीमा पूरी होने के बाद भी कई जगह पर अभी भी काम पूरा नहीं हो पाया। पलासिया में शेख हातिम चौराहे के पास स्थित नाले के आसपास दलदल की स्थिति होने के कारण यहां नाला टेपिंग की लाइन अभी तक डल ही नहीं पाई है। इसी तरह से भागीरथपुरा, रसोमा नाला, भमोरी नाले में भी लाइन डालने का काम अभी भी बाकी है। वहीं लाइनें पूरी नहीं डलने के कारण नालों में मिलने वाले १५ से ज्यादा बड़े आउटफाल्स अभी भी बंद नहीं हो पाए हैं। अब नगर निगम अगले पांच दिनों में इस काम को पूरा करने की तैयारी कर रही है।
प्रभारी आयुक्त एस. कृष्ण चैतन्य ने बताया कि नाला टेपिंग के काम में अभी भी कई जगह पर काम अधूरा है। हम इसे अगले तीन से चार दिनों में पूरा करवा लेंगे। हमारी कोशिश है कि बड़े आउटफाल्स अगले दो दिनों में हम बंद करवा दें।
तीसरी बार बढ़ी समय सीमा
नगर निगम ने इस काम को पूरा करने के लिए तीसरी बार समय सीमा बढ़ाई है। इसके पहले नगर निगम ने ३१ दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन काम पूरा नहीं होने के चलते १० जनवरी की तारीख तय की गई। 10 जनवरी को 10 दिन का और समय बढ़ाते हुए काम पूरा करने के लिए अंतिम तारीख २० जनवरी तय की गई। लेकिन उसके बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है।
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