हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने किराएदार भेरूलाल श्रीवंश को दो दिनों का समय देते हुए नोटिस जारी किया था। साथ ही उसे तीन माह के लिए अस्थाई तौर पर भूरीटेकरी में मकान उपलब्ध करा दिया था। शुक्रवार को मकान तोडऩे की कार्रवाई के लिए निगम ने गुरुवार को एमजी रोड थाने सहित वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कार्रवाई के दौरान पुलिस बल उपलब्ध कराने का निवेदन किया थाा, साथ ही जिला प्रशासन से भी मदद मांगी थी। निगम की कार्रवाई में करीब 100 रिमूवल कर्मचारियों की टीम मौके पर थी। कार्रवाई के दौरान विवादास्पद स्थिति न बने इसके लिए यहां आने-जाने वाले सभी रास्तों को शुक्रवार सुबह बंद कर दिया गया।
ऐसे बदले समीकरण 26 जून : निगम की टीम मकान तोडऩे पहुंची। विधायक आकाश विजयवर्गीय और समर्थकों ने अधिकारियों के साथ मारपीट की। एफआईआर के बाद कोर्ट ने आकाश को जेल भेजा। 27 जून : इंदौर में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश ने मामला क्षेत्राधिकार से बाहर होने की बात कहते हुए आकाश विजयवर्गीय को जमानत नहीं दी।
28 जून : आकाश की ओर से भोपाल में विशेष न्यायाधीश के यहां जमानत याचिका लगाई गई। कोर्ट ने इंदौर से केस डायरी मंगाई। 29 जून : भोपाल की विशेष अदालत ने सर्शत जमानत दी। देर शाम तक आदेश जेल नहीं पहुंचा इसलिए रिहाई नहीं। वहीं इंदौर में जश्न के दौरान विधायक के कार्यालय पर पांच राउंड हवाई फायर हुआ।
30 जून : जिला जेल से आकाश सुबह रिहा हुए। भाजपा कार्यालय पर जश्न मनाया गया और विधायक का भव्य स्वागत हुआ। 1 जुलाई : किराएदार कोर्ट पहुंचा। निगम ने मकान गिराने की कार्रवाई रोकी। कोर्ट ने 2 जुलाई को सुनवाई तय की।
2 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए विधायक और उनके समर्थकों को बाहर करने की बात कह डाली। वहीं किराएदार की याचिका पर कोर्ट ने निगम की कार्रवाई को सही बताया और किराएदार के लिए अस्थाई व्यवस्था की बात कही।
3 जुलाई : निगम ने किराएदार को तीन महीने के लिए अस्थाई मकान दिया और दो दिन में मकान खाली करने का नोटिस दिया।