प्रदेश में नगर निगम और पंचायत चुनाव को लेकर कानूनी पेंच भी है। जल्द चुनाव कराने को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में लगी याचिका पर कोर्ट करीब 6 महीने पहले ही जल्द से जल्द चुनाव कराने के आदेश दे चुकी है। वार्ड आरक्षण से जुड़ी प्रक्रिया को भी चुनौती दी गई थी, जिसके चलते कोर्ट ने पुरानी प्रक्रिया को निरस्त कर फिर से वार्ड आरक्षण करने के आदेश दिए हैं। इंदौर के अलावा ग्वालियर और जबलपुर हाई कोर्ट में भी जल्द चुनाव कराने को लेकर याचिकाएं विचाराधीन हैं। हालांकि किसी भी कोर्ट ने चुनाव पर रोक नहीं लगाई है।
मनमानी पर नहीं किसी का दखल
पानी, सफाई और निगम से संबंधित कामों के लिए पार्षद और उनके प्रतिनिधियों से बात कर लेते थे। वे प्राथमिकता से हमारे काम करवा देते थे। अब स्थिति बदली हुई है। अफसर और निगमकर्मी अपनी मनमानी करते हैं। समस्याओं को हल कराने के लिए जोनल कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
कृष्णा राजगुरु, वार्ड नंबर 74
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जनप्रतिनिधि की नहीं सुनते अफसर
पार्षदों के नहीं रहने से सुनवाई नहीं हो पाती है। हम क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के पास शिकायत लेकर जाते हैं तो उनकी भी अफसर नहीं सुनते हैं। जनता की सरकार नहीं बची ऐसे में अफसर मनमानी पर उतरे हुए हैं। पद पर नहीं होने से जनप्रतिनिधि कुछ कर नहीं पाते।
रोहन तावेड़ा, वार्ड नंबर 5
- आम लोगों को कुछ इस प्रकार की आ रही समस्याएं
1-नगर निगम में जनप्रतिनिधि नहीं होने के कारण पेंशनधारियों व पथविक्रेताओं की सुनवाई ही नहीं हो पा रही है। पहले बुजुर्गों के काम वार्ड के पार्षदों के दफ्तर से ही हो जाते थे, आजकल उन्हें जोनल कार्यालय या मुख्यालय के चक्कर काटने पडते हैं।
2-वार्डों में बनाई जाने वाली सड़क, पेयजल लाइनें डालने, सीवरेज लाइनें डालने का काम वहां की जरूरत को ध्यान में रखे बगैर ही किया जा रहा है। इसमें कई आवश्यक जगह छूट रही हैं। मोहल्लों और कॉलोनियों की समस्याओं पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। कई बार विवाद की स्थिति भी बनी।
3-निगम के बजट का वार्डों में समान तौर पर विभिक्तीकरण नहीं हो पा रहा है। कुछ वार्डों में ज्यादा पैसा लग रहा है, तो कुछ में निगम पैसा ही नहीं खर्चा कर रही है।
4-वार्डों की छोटी-मोटी समस्याओं के लिए भी अफसरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। टैंकर से लेकर सीवर सफाई का कार्य़ पहले पार्षदों तक शिकायत करने पर हो जाता था।
अभी ये विकल्प हैं जनता के पास
- मुख्यमंत्री ऑनलाइन पर ही अपनी शिकायतें दर्ज कराएं।
- इंदौर-311 एप्प पर शिकायतें दर्ज कराएं।
- निगम मुख्यालय में आकर संबंधित विभागों में ही अपनी शिकायतें दर्ज कराएं।
-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 हजार नए फ्लैट बनाना है, जिनकी लागत 600 करोड़ से ज्यादा है।
-शहर में 70 करोड़ से ज्यादा के दो नए एसटीपी का निर्माण कराना।
-शहर में 10 करोड़ का स्पोर्टस काम्प्लेक्स तैयार करना।
-शहर में सीवरेज लाइनों का लगभग 100 करोड़ का काम।
-80 करोड़ की लागत की नई 8 टंकियों का निर्माण चल रहा है।
-200 करोड़ की लागत से 16 नई टंकियों और लगभग 500 किलोमीटर की पेयजल लाइनें डाली जानी हैं
-जलूद में 500 करोड़ से 100 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाना है।
भाजपा जनता पार्टी नगर निगम और पंचायत चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारे कार्यकर्ता लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। चुनाव का निर्णय चुनाव आयोग को करना है। हम भी चाहते हैं, जल्द से जल्द नगर निगम सहित अन्य पेंडिंग चुनाव हों। निश्चित रूप से निगम चुनाव नहीं होने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गौरव रणदिवे
नगर अध्यक्ष, भाजपा
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भाजपा सरकार का फायदा उठाकर नियम विरुद्ध आरक्षण प्रक्रिया अपना रही थी। इसलिए हमें कोर्ट जाना पड़ा। हमने गलत बातों का विरोध किया था। हमारी तो पूरी तैयारी थी। हम चुनाव के लिए हर समय तैयार हैं।
- विनय बाकलीवाल, अध्यक्ष शहर कांग्रेस