सरवटे बस स्टैंड के सामने चार मंजिला होटल गिरने के साथ १० लोगों की मौत होने के बाद खूब बवाल मचा था, क्योंकि होटल पूरी तरह खतरनाक होने के साथ जर्जर हो गई थी। बावजूद इसके निगम के अफसरों की अनदेखी और लापरवाही की वजह से होटल के अंदर अवैध तरीके से निर्माण चल रहा था। होटल गिरने के बाद जहां राज्य सरकार, जिला प्रशासन और निगम स्तर पर जांच शुरू हुई, वहीं शहर के जर्जर मकानों की सूची भी नगर निगम ने तैयार करवाई। इसके साथ ही संपत्ति मालिक को नोटिस भी दिए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई और मामला ठंडा पड़ गया।
बैठक में आयुक्त सिंह ने मकानों की सूची के आधार पर पहले बारीकी से जांच कर संबंधित जर्जर मकानों का मौका मुआयना करने के साथ ही पंचनामा बनाकर उसकी वीडियो व फोटोग्राफी भी कराने के निर्देश दिए हैं, जिस मकान को तोड़ा जाना है, उसकी वैधानिक स्थिति देखने के साथ न्यायालय से कोई स्थगन आदेश है या नहीं, यह सब जांच करने के बाद तोडफ़ोड़ की कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जिस मकान पर कार्रवाई की जाना और उसका कौन सा हिस्सा हटाना आवश्यक है, यह भी स्पष्ट कर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने ऐसे अवरोध जो कि नदी-नालों या अन्य स्थानों पर बारिश के पानी को रोकते हैं, उनको भी चिह्नित कर उनकी भी स्थिति स्पष्ट कर कार्रवाई करने को कहा है।