नगर तथा ग्राम निवेश से कॉलोनी विकास का लेआउट पास करवाना हो तो तमाम दस्तावेजों के साथ एक दस्तावेज नजूल की एनओसी के रूप में मांगे जाते हैं। इसे लेने का कारण यह है कि साफ हो सके कि जिस जमीन पर अनुमति मांगी जा रही है, वह सरकारी तो नहीं पर इसे हासिल करने में आवेदक को काफी परेशान होना पड़ता है। अब ऐसा नहीं होगा।
टीएंडसीपी में किसी भी आवेदन में नजूल की एनओसी नहीं लगाना होगी। शासन के इस फैसले के बाद उन तमाम आवेदकों को राहत मिली है, जो इस एक एनओसी के चक्कर में न जाने कितना चढ़़ावा चढ़ाने को मजबूर होते हैं। इसके बाद भी एनओसी के चक्कर में लेट होते और आवेदन अटके रहते हैं।
लैंड रिकॉर्ड को मानेंगे
नजूल एनओसी की बाध्यता खत्म करने के लिए भूमि विकास अधिनियम में बदलाव कर दिया गया है। इस अधिनियम में जहां भी नजूल एनओसी संबंधित शब्द या वाक्य आता है, उसे हटा दिया गया। इसके लिए परिशिष्ट क-1 में अनुक्रमांक 8 व 9 में इससे संबंधित प्रविष्टि हटा दी गई। वहीं नियम 16 (1) के खंड क व ख में नजूल अनापत्ति व प्रमाण-पत्र शब्द हटा दिए गए। नियम 16 (11) में खंड ग में यह लाइन ‘नजूल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र की अभिप्रमाणित प्रति’ हटा दी गई। इसके स्थान पर अब यह दर्ज कर दिया गया कि यदि आवेदक का नाम भू-राजस्व अभिलेख में दर्ज है तो प्राधिकारी आवेदन मिलने के सात दिन में नजूल एनओसी के लिए नजूल अधिकारी को पत्र भेजेगा। यदि नजूल अधिकारी ने 30 दिन में एनओसी नहीं दी तो यह माना जाएगा कि इसे जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार आगे की प्रक्रिया होगी।
नजूल एनओसी की बाध्यता खत्म करने के लिए भूमि विकास अधिनियम में बदलाव कर दिया गया है। इस अधिनियम में जहां भी नजूल एनओसी संबंधित शब्द या वाक्य आता है, उसे हटा दिया गया। इसके लिए परिशिष्ट क-1 में अनुक्रमांक 8 व 9 में इससे संबंधित प्रविष्टि हटा दी गई। वहीं नियम 16 (1) के खंड क व ख में नजूल अनापत्ति व प्रमाण-पत्र शब्द हटा दिए गए। नियम 16 (11) में खंड ग में यह लाइन ‘नजूल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र की अभिप्रमाणित प्रति’ हटा दी गई। इसके स्थान पर अब यह दर्ज कर दिया गया कि यदि आवेदक का नाम भू-राजस्व अभिलेख में दर्ज है तो प्राधिकारी आवेदन मिलने के सात दिन में नजूल एनओसी के लिए नजूल अधिकारी को पत्र भेजेगा। यदि नजूल अधिकारी ने 30 दिन में एनओसी नहीं दी तो यह माना जाएगा कि इसे जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार आगे की प्रक्रिया होगी।
अब इस तरह आएगी एनओसी टीएंडसीपी में विकास अनुज्ञा का आवेदन करते समय नजूल की एनओसी नहीं मांगी जाएगी, बल्कि टीएंडसीपी की जवाबदारी होगी कि वह संबंधित विभाग को इसके लिए पत्र लिखे। यदि प्रशासन समय पर एनओसी जारी कर देता है तो ठीक, नहीं तो मान लिया जाएगा कि उसे किसी तरह की आपत्ति नहीं है और एनओसी के बिना ही टीएंडसीपी अनुज्ञा दे देगा।