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विस्थापितों के साथ एनवीडीए कार्यालय के आगे धरने पर बैठीं मेधा पाटकर

locationइंदौरPublished: Nov 17, 2019 02:06:48 am

अधूरे पुनर्वास का विरोध करते हुए राहत और रोजगार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी, ठोस निर्णय पर ही हटेंगे

विस्थापितों के साथ एनवीडीए कार्यालय के आगे धरने पर बैठीं मेधा पाटकर

विस्थापितों के साथ एनवीडीए कार्यालय के आगे धरने पर बैठीं मेधा पाटकर

इंदौर/ भोपाल. नर्मदा घाटी में बड़वानी, धार, अलीराजपुर, खरगौन जिले से सैकड़ों की संख्या में राजधानी पहुंचे विस्थापितों ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की अगुआ मेधा पाटकर के नेतृत्व में शनिवार सुबह से एनवीडीए (नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण) के मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। प्रदर्शनकारी अधूरे पुनर्वास, पुनर्वास स्थल पर सुविधाओं में गंभीर त्रुटि को दूर किए बिना अस्थाई आवास, भोजन शिविर एवं पशुओं के लिए चारा शिविर बंद करने का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पुनर्वास कार्य शुरू नहीं होने तक मुख्यालय के बाहर धरना देते रहेंगे।
नर्मदा बचाओं आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर के साथ आए सैंकड़ों विस्थापित शनिवार सुबह १० बजे यादगार ए शाहजहांनी पार्क से निकले। पैदल मार्च जहांगीराबाद, जेल रोड होते हुए अरेरा हिल्स पर पहुंचा। यहां पैदल मार्च को देखते हुए पुलिस ने एक ओर के रास्ते पर ट्रैफिक बंद करा दिया था। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए एनवीडीए मुख्यालय नर्मदा भवन के सामने पहुंचे। यहां प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरीकेटिंग करके भारी बल तैनात कर रखा था। पुलिस ने अंदर जाने रोका तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस होने लगी। इस बीच मौके पर पहुंची पाटकर ने अधिकारियों से बात करके महिला प्रदर्शनकारियों को परिसर में प्रवेश दिलाने पर सहमति बनाई। खुद मेधा पाटकर ने एक-एक महिला कार्यकर्ता को खड़े होकर परिसर में अंदर कराया वहीं पुरुष प्रदर्शनकारी गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। इसके बाद दिन भर नारेबाजी कर रहे सैंकड़ों विस्थापित देर रात तक परिसर में ही डटे हुए थे।
यह है मुख्य मांगे

मेधा पाटकर का कहना है कि विस्थापितों की सबसे बड़ी समस्याएं डूब से बाहर रखी बिना अर्जित भूमि और मकानों का प्रभावित होन, बिना घर प्लाट या अनुदान गरीबों का उजाड़ा जाना, पुनर्वास स्थलों पर पीने का पानी और हजारों मवेशियों के लिए चरनोइ न होना है। इतने केबावजूद सरकार भोजन, अस्थायी आवास एवं गायों केलि चारा शिविर बंद कर रही है जोकि पूरी तरह गलत है। इसी के चलते हमने फिर सत्याग्रह शुरू किया है। मेधा पाटकर ने एक-एक महिला कार्यकर्ता को खड़े होकर परिसर में अंदर कराया वहीं पुरुष प्रदर्शनकारी गेट के बाहर धरने पर बैठ गए।पुलिस ने एक ओर के रास्ते पर ट्रैफिक बंद करा दिया था। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए एनवीडीए मुख्यालय नर्मदा भवन के सामने पहुंचे। यहां प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरीकेटिंग करके भारी बल तैनात कर रखा था।
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