ये व्यवस्था अस्थायी तौर पर की गई थी, क्योंकि ये जमीन आईडीए की महत्वपूर्ण योजना की थी, तब से बस स्टैंड वहीं था। इसके बाद नगर निगम ने ग्वालटोली से हटाई गई अधिकांश गुमटियों को दुकानें बनाकर वहां शिफ्ट कर दिया। दो साल पहले नगर निगम व प्रशासनिक अमले ने वर्षो से अवैध रूप से संचालित हो रहे बस स्टैंड को नौलखा से हटाकर तीन इमली पर शिफ्ट कर दिया था, इससे यहां के दुकानदारों का धंधा मंदा हो गया, तब से व्यापारी मांग कर रहे हैं कि बस स्टैंड नौलखा लाया जाए।
इधर, आईडीए अपनी पुरानी योजना को अमलीजामा पहनाना चाहता है, जिसमें यहां की दुकानें रोड़ा है। अब यह मुद्दा विधानसभा में आया है। सांवेर विधायक राजेश सोनकर ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग से जानकारी मांगी है। तीन बिंदुओं में नौलखा की दुकानों की वास्तविक स्थिति सामने आ जाएगी।
ये जानकारी मांगी
ठ्ठ क्या नौलखा बस स्टैंड शासन द्वारा स्थानांतरित किया गया या किया जाना है? यदि हां तो यहां की कितनी दुकानें वैध व कितनी अवैध है? ठ्ठ क्या बस स्टैंड पर आजीविका संचालन के लिए स्थापित वैध दुकानों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कोई योजना है? यदि हां तो योजना स्पष्ट करे, यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करे? ठ्ठ बस स्टैंड स्थानांतरित करने के बाद इस जमीन का शासन क्या उपयोग करेगा, योजना है तो जानकारी दें?
ठ्ठ क्या नौलखा बस स्टैंड शासन द्वारा स्थानांतरित किया गया या किया जाना है? यदि हां तो यहां की कितनी दुकानें वैध व कितनी अवैध है? ठ्ठ क्या बस स्टैंड पर आजीविका संचालन के लिए स्थापित वैध दुकानों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कोई योजना है? यदि हां तो योजना स्पष्ट करे, यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करे? ठ्ठ बस स्टैंड स्थानांतरित करने के बाद इस जमीन का शासन क्या उपयोग करेगा, योजना है तो जानकारी दें?