ज्योतिषाचार्य पं गुलशन अग्रवाल के मुताबिक शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ अश्विनी शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन से करना चाहिए। 9 अक्टूबर को सुबह 9.17 से एकम तिथि लगेगी जो दूसरे दिन अर्थात 10 अक्टूबर को सुबह 7.25 तक रहेगी। प्रतिपदा तिथि अगर एक मुहूर्त से कम हो या उसका क्षय हो गया हो तो नवरात्रि पर्व की शुरुआत अमावस्या तिथि के साथ करना चाहिए। इस वर्ष 10 अक्टूबर को नवरात्रि प्रतिपदा तिथि सुबह 7.25 तक है जो कि मान्य एक मुहूर्त से अधिक काल को व्याप्त करती है। अत: 10 को ही शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। बुधवार सुबह ११ बजे तक चित्रा नक्षत्र रहेगा इसके पश्चात स्वाति नक्षत्र लगेगा। वैधृति योग सुबह 11.58 तक रहेगा जिसके बाद विश्कुंभ योग लगेगा। ये दोनों ही नक्षत्र एवं विश्कुंभ योग मध्यम फलदायी है, किन्तु पर्वकाल की शुरुआत होने की वजह से इस दिन घटस्थापना एवं कलश स्थापना कर सकते हैं।
वैसे चित्रा नक्षत्र के संयोग में आने वाले शारदीय नवरात्र की शुरुआत आगम विधि से साधना के लिए उपयुक्त मानी गई है। पंचाग गणना के अनुसार इस वर्ष द्वितीया तिथि का क्षय हो रहा है। षष्ठी तिथि की वृद्धि हो रही है। तिथि की घटबढ़ होने के बावजूद नवरात्रि पूरे 9 दिन की होगी। १६ को सप्तमी के दिन सरस्वती पूजन होगा। 17 को अष्टमी पूजन व 18 को नवमी पूजन होगा।
नवरात्रि के तिथि व दिन 10 अक्टूबर – प्रतिपदा 11 अक्टूबर – तृतीया 12 अक्टूबर – चतुर्थी 13 अक्टूबर – पंचमी 14 अक्टूबर – षष्ठी 15 अक्टूबर – षष्ठी
16 अक्टूबर – सप्तमी 17 अक्टूबर – अष्टमी 18 अक्टूबर – नवमी 19 अक्टूबर – दशमी (दशहरा)