हाईकोर्ट में लगी याचिका के डर से यह परिषद बैठक बुलाई गई है, क्योंकि हर 2 माह में बैठक रखने के आदेश होने के बावजूद 4 माह में निगम की बैठक नहीं बुलाने पर अवमानना का केस लगाने की तैयारी याचिकाकर्ता ने कर ली थी, इसलिए 31 जनवरी को यह बैठक बुलाई गई और आज हाईकोर्ट में इस संबंध में जवाब भी दिया जाएगा।
एक्ट के हिसाब से हर 2 माह में निगम परिषद का साधारण सम्मेलन होना चाहिए, लेकिन नियमों का पालन नहीं हो रहा था। पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे और वर्तमान महापौर मालिनी गौड़ के कार्यकाल के चलते पूरे साल में 2 या 3 ही परिषद की बैठक होती थी। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम ने एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की। इसमें एक्ट के नियम-कायदों का हवाला देकर हर 2 माह में परिषद की बैठक बुलाने की मांग रखी गई। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान निगम ने शपथ-पत्र देकर कहा कि हर दो माह में बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद एक या दो परिषद की बैठक समय पर हुई, लेकिन बाद में ढाई से 3 माह में होने लगी और वह भी तब जब नेता प्रतिपक्ष अलीम ने महापौर, सभापति और आयुक्त को पत्र लिखे। पिछले वर्ष सितंबर में निगम परिषद का विशेष सम्मेलन रखा गया। इसमें एक ही विषय पर चर्चा की गई जो कि स्वच्छता को लेकर था।
इसके बाद विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लग गई और फिर परिषद की बैठक नहीं हुई। 11 दिसंबर 2018 को चुनाव परिणाम आने के बाद परिषद का साधारण सम्मेलन होना चाहिए था, लेकिन 28 सितंबर 2018 से जनवरी 2019 तक 4 माह गुजरने के बावजूद परिषद बैठक नहीं बुलाई गई। इस पर नेता प्रतिपक्ष अलीम ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करते हुए अवमानना केस दायर करने से पहले महापौर, सभापति और आयुक्त को नोटिस जारी किया। इसके बाद निगम परिषद की बैठक बुलाने को लेकर तारीख तय की गई। 31 जनवरी को सुबह 11 बजे से ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (बीसीसी) में परिषद की बैठक रखी गई है। इसमें एमआईसी से पारित हुए 3 संकल्पों को परिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। निगम इतिहास में शायद यह पहली बार हो रहा है, क्योंकि इससे पहले हर परिषद की बैठक में कम से कम 10 से 15 प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखे जाते हैं।
निगम अफसरों के अनुसार परिषद की बैठक 31 जनवरी को रखी गई है। इसको लेकर जवाब आज हाईकोर्ट में भी दिया जाएगा ताकि अवमानना के केस से बचा सके। मालूम हो कि परिषद की बैठक में रखने के लिए कोई विषय नहीं हो पर 28 सितंबर 2018 में स्वच्छता को लेकर विशेष सम्मेलन रखना पड़ा था। इस बार साधरण सम्मलेन के लिए 3 ही प्रस्ताव आए हैं।