scriptभारत में 3.50 करोड़ लोग नौकरी से ज्यादा शिक्षित | Need for fifth pass, even those with PhD in queue | Patrika News

भारत में 3.50 करोड़ लोग नौकरी से ज्यादा शिक्षित

locationइंदौरPublished: Jun 28, 2022 08:00:59 am

– जरूरत पांचवीं पास की, कतार में पीएचडी वाले भी
– आइआइएम इंदौर के शोध की सीरीज

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भोपाल। भारत जैसे विकासशील देशों में स्किल इंडिया जैसी नीतिगत पहल कितनी कारगर होंगी यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि भारत में अभी भी योग्यता के मुताबिक लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है। करीब 3.50 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो कम वेतन और कम शैक्षणिक योग्यता वाली नौकरियों से जुड़े हुए हैं।

इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि अगर किसी भी विभाग में छोटे पदों के लिए वैकेंसी निकलती है तो ग्रेजुएट से लेकर पीएचडी होल्डर तक अप्लाई करने लगते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में जब कक्षा पांच की न्यूनतम शिक्षा की जरूरत वाले 62 दूतों के पदों की वैकेंसी निकली तो 3700 पीएचडी, 28000 स्नातकोत्तर और 50000 स्नातकों ने आवेदन किया था। हैरानी की बात यह है कि ऐसी स्थितियां सिर्फ सरकारी नौकरी के लिए नहीं, बल्कि प्राइवेट सेक्टरों में भी है।

नौकरी की जरूरत से ज्यादा पढ़े-लिखे
भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर की फैकल्टी प्रो. अजय शर्मा और भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक की प्रो. श्वेता बहल ने इस विषय पर शोध करते हुए पाया कि लगभग 19 प्रतिशत (पुरुषों में 21% और महिलाओं में 13%) मजदूर और वेतनभोगी श्रमिक नौकरी की जरूरत से ज्यादा शिक्षित हैं। इनकी संख्या करीब 3.50 करोड़ के आसपास है।

अधिक शिक्षित को कम वेतन
सर्वेक्षण में जब श्रमिक और कर्मचारियों के वेतन पर गौर किया गया तो इसमें भी विसंगति सामने आई। दोनों के वेतन की तुलना में पता चला कि उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त श्रमिक 406 रुपए दैनिक मजदूरी पाते हैं, जबकि अति शिक्षित श्रमिकों को 229 रुपए मजदूरी मिलती है।

यही असमानता स्नातक और उससे ऊपर की शिक्षा में भी है, जो अनुपातिक रूप में 744 और 549 रुपए के रूप में देखने को मिला। इससे यह भी स्पष्ट है कि अधिक शिक्षित को कम वेतन मिलने के साथ ही वे कम शैक्षणिक योग्यता वाली नौकरियों में अटके हुए हैं।

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