खुरासानी इमली को खत्म करने का खेल
इंदौरPublished: May 12, 2023 11:21:33 am
मांडू के आसपास के गांवों से पेड़ों को काटकर ले जाया जा रहा था हैदराबाद


खुरासानी इमली को खत्म करने का खेल
धार। ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर मांडू में खुरासानी इमली का अपना अलग स्थान है। पूरे भारत में मांडू ही एकमात्र ऐसा स्थान है जहां यह दुर्लभ खुरासनी इमली के पेड़ पाए जाते हैं, लेकिन यहां पर यह बहुतायत में नहीं है। इसके बावजूद संरक्षित करने योग्य इस धरोहर को हैदराबाद के एक प्राइवेट गार्डन में ट्रांसप्लांट करने के लिए धड़ल्ले से काटा जा रहा है। मांडू से लगे आसपास के गांवों में बड़ी-बड़ी मशीनों से इन दुर्लभ पेड़ों की कटाई कर इन्हें उखाडक़र ट्रालों पर रखकर ले जाने की कवायद की जा रही थी, लेकिन मांडूवासियों और सामाजिक संगठनों के विरोध के कारण इन ट्रालों को रोक दिया गया। इसके बाद मामला मीडिया में आया तो पटवारी से लेकर तहसीलदार और वन विभाग के अफसर इस मामले में तलब कर लिए गए। अब कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने इस मामले में खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। खुरासानी इमली के पेड़ों को कटाई कर उखाडक़र ले जाने का सिलसिला अचानक से शुरू नहीं हुआ है। एक अनुमति के नाम पर गत वर्ष खुरासनी इमली के 18 पेड़ों को काटकर हैदराबाद ले जाया गया था, लेकिन इस बाद दोबारा इमली के पेड़ों को काटने के लिए उसी निजी गार्डन के संचालक ने मशीनें और ट्रक भेज दिए। मांडू से लगे ग्राम पनाला और जीराबाद के आसपास खुरासनी इमली के हरे-भरे पेड़ काटवा दिए गए और इन्हें ले जाने के लिए ट्रक में लोड तक करवा लिया गया, लेकिन जब लोगों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने विरोध कर ट्रक को वहीं खड़ा करवा दिया।
80 हजार में बेच रहे पेड़
खबर है कि मांडू में किसान रुपए लेकर खुरासनी इमली के पेड़ों को काटने के लिए दे रहे हैं। ग्राम पनाला के एक बीचवान की मदद से किसानों को 80-80 हजार रुपए प्रति पेड़ के मान से रुपए देकर पेड़ों की कटाई करवाई गई। अब ऐसे में आशंका है कि खुरासनी इमली के पेड़ों की तस्करी शुरू कर दी गई है, लेकिन थोड़े से लालच के चक्कर में मांडू की दुर्लभ धरोहर से छेड़छाड़ की जा रही है।
कलेक्टर ने पूरे अमले को किया तलब
इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने अधिकारियों के साथ एक संयुक्त बैठक की। इसमें वन विभागए राजस्व व पुलिस के साथ पूरे मामले की समीक्षा की गई। बैठक के बाद कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि खुरासनी इमली का पेड़ दुर्लभ प्रजाति का पेड़ है। जैव विविधता के नियमों की शिथिलता के कारण ऐसी स्थिति बनी है। इसे भी समाप्त करने के लिए शासन को प्रशासन की तरफ से प्रस्ताव भेजा जाएगा। साथ ही जिन पेड़ों को काटा गया हैए उन्हें फिर से प्लांट करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह ली जाएगी।