एक पखवाड़े पहले गुमाश्ता नगर में एक परिवार के तीन सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। संभ्रांत परिवार में कोरोना की एंट्री से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बाद में परिवार की एक युवती भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई। सभी का इलाज चोइथराम अस्पताल में चल रहा था। छह दिन पहले युवती की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे छुट्टी दे दी गई। उसे सख्त हिदायत दी गई थी कि वह घर में क्वॉरंटीन रहे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भाई को थी सर्दी-खांसी इस बीच में युवती के छोटे भाई को सर्दी, खांसी व बुखार की शिकायत होने लगी। जांच करवाई गई तो वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इस पर सकते में आए सरकारी अमले ने पूरे परिवार के एक बार फिर सैंपल लिए। जो रिपोर्ट आई, वह पैरों तले जमीन खिसकाने वाली थी। युवती फिर पॉजिटिव निकली। इसका अर्थ ये है कि घर में घोर लापरवाही की गई। स्वास्थ्य विभाग ने युवती को अस्पताल में भर्ती किया। गौरतलब है कि शहर ही नहीं, मध्यप्रदेश में ये पहला केस है जिसमें ठीक होने के बाद फिर कोई पॉजिटिव आया है।
प्रशासन ने दिखाई सख्ती
गौरतलब है कि गुमाश्ता नगर में कोरोना पॉजिटिव आने वाला संभ्रांत परिवार है। आमने-सामने भाइयों के घर हैं। पांच लोग कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। बचे हुए लोगों पर सख्ती की गई, क्योंकि शिकायत मिल रही थी कि वे लॉक डाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। युवती के माता-पिता और छोटा भाई घर छोड़कर फार्म हाउस पर रहने चले गए। चार सदस्यों को एक गार्डन में क्वॉरंटीन किया गया। सिर्फ बूढ़े माता-पिता को संभालने के लिए एक भाई रुका हुआ है।
गौरतलब है कि गुमाश्ता नगर में कोरोना पॉजिटिव आने वाला संभ्रांत परिवार है। आमने-सामने भाइयों के घर हैं। पांच लोग कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। बचे हुए लोगों पर सख्ती की गई, क्योंकि शिकायत मिल रही थी कि वे लॉक डाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। युवती के माता-पिता और छोटा भाई घर छोड़कर फार्म हाउस पर रहने चले गए। चार सदस्यों को एक गार्डन में क्वॉरंटीन किया गया। सिर्फ बूढ़े माता-पिता को संभालने के लिए एक भाई रुका हुआ है।