प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही शहर में नया कांग्रेस कार्यालय बनाने के लिए जमीन की तलाश शुरू हो गई है। इस काम पर लगे नेता शहर से ज्यादा दूर नहीं और बीच में सरकारी जमीन ढूंढ रहे हैं ताकि कार्यालय अत्याधुनिक बन सके और पार्र्किंग की भी समस्या नहीं रहे। नया कांग्रेस कार्यालय बनाने के लिए शहर के बीच कहां-कहां सरकारी जमीन हैं उसकी जानकारी कलेक्टोरेट के नजूल विभाग से मांगी है। इसके साथ ही जमीन मिलने के बाद कार्यालय निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री कमल नाथ से आर्थिक मदद मांगी जाएगी। नए शहर कांग्रेस कार्यालय के लिए जमीन तलाशने में प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेश चौकसे, शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, जय हार्डिया, प्रमोद द्विवेदी और सौरभ मिश्रा लगे हुए हैं। इनके अलावा नए कार्यालय को लेकर काम पर अन्य नेता भी लगे हैं जो जमीन ढूंढ रहे हैं।
गांधी भवन की हालत ठीक नहीं
इधर, चौकसे और बाकलीवाल ने कहा कि यशवंत रोड स्थित गांधी भवन में लगने वाले पार्टी कार्यालय की हालत ठीक नहीं है। बैठक या फिर अन्य कोई आयोजन होने पर सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की होती है। रोड पर वाहनों के खड़े होने से यातायात जाम की स्थिति बनती है और परेशानी जनता को होती है। इसके साथ ही गांधी भवन की बिल्डिंग भी पुरानी होने के साथ जर्जर हो रही है। बैठक हाल की हालत भी ठीक नहीं है। अध्यक्ष कार्यालय के साथ अन्य नेताओं के बैठक कमरों की हालत खराब है। ऐसे में निर्णय लिया है कि अब कार्यालय नया बनना चाहिए, जो कि अत्याधुनिक हो, पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके लिए जमीन तलाश की जा रही है। कोशिश है कि शहर के बीच या फिर आसपास ही जमीन ढूंढी जाए ताकि नेताओं और कार्यकर्ताओं को आने में परेशानी नहीं हो। कार्यालय के लिए नजूल विभाग से जमीन की जानकारी मांगी गई है। इसके मिलते ही नए कार्यालय के निर्माण की कवायद शुरू हो जाएगी। रही बात आर्थिक मदद की तो मुख्यमंत्री कमल नाथ से मदद ली जाएगी।
इधर, चौकसे और बाकलीवाल ने कहा कि यशवंत रोड स्थित गांधी भवन में लगने वाले पार्टी कार्यालय की हालत ठीक नहीं है। बैठक या फिर अन्य कोई आयोजन होने पर सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की होती है। रोड पर वाहनों के खड़े होने से यातायात जाम की स्थिति बनती है और परेशानी जनता को होती है। इसके साथ ही गांधी भवन की बिल्डिंग भी पुरानी होने के साथ जर्जर हो रही है। बैठक हाल की हालत भी ठीक नहीं है। अध्यक्ष कार्यालय के साथ अन्य नेताओं के बैठक कमरों की हालत खराब है। ऐसे में निर्णय लिया है कि अब कार्यालय नया बनना चाहिए, जो कि अत्याधुनिक हो, पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके लिए जमीन तलाश की जा रही है। कोशिश है कि शहर के बीच या फिर आसपास ही जमीन ढूंढी जाए ताकि नेताओं और कार्यकर्ताओं को आने में परेशानी नहीं हो। कार्यालय के लिए नजूल विभाग से जमीन की जानकारी मांगी गई है। इसके मिलते ही नए कार्यालय के निर्माण की कवायद शुरू हो जाएगी। रही बात आर्थिक मदद की तो मुख्यमंत्री कमल नाथ से मदद ली जाएगी।