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निर्भया की मां बोली- कोई मानवाधिकार वाला मेरी परेशानी जानने नहीं आया, फांसी की सजा हुई तो दुष्कर्मियों को बचाने आ गए

locationइंदौरPublished: Jan 26, 2020 01:58:32 am

Indore News : रीगल तिराहे पर 26 जनवरी को अपना समहू के कार्यक्रम में फहराएंगे तिरंगा

निर्भया की मां बोली-  कोई मानवाधिकार वाला मेरी परेशानी जानने नहीं आया, फांसी की सजा हुई तो दुष्कर्मियों को बचाने आ गए

निर्भया की मां बोली- कोई मानवाधिकार वाला मेरी परेशानी जानने नहीं आया, फांसी की सजा हुई तो दुष्कर्मियों को बचाने आ गए

इंदौर. सरकार ने हाल ही में एनआरसी और एसीसी जैसे मुद्दों पर लिए अपने निर्णय के पीछे देश की सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दिया है लेकिन देश की बेटियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून नहीं बनाए जा रहे हैं। 30 साल में 1 दुष्कर्मी को फांसी दी गई है जबकि हर दिन दुष्कर्म में बेटियों की जान जा रही है। सरकार को दुष्कर्म के मामलों में निर्णय के लिए समयसीमा तय करना चाहिए और इसके लिए संसद में चर्चा बुलाना चाहिए। जरूरत पड़े तो अध्यादेश लाना चाहिए। तभी पता चलेगा कि देश के नेता और सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिए कितने गंभीर हैं। 7 साल से मैं दिल्ली में लड़ाई लड़ रही हूं लेकिन कोई मानवाधिकार वाला मेरी परेशानियां जानने नहीं आया। जैसे ही दुष्कर्मियों को फांसी की सजा हुई मानवाधिकार कार्यकर्ता उन्हें बचाने के लिए सामने आने लगे। देश में हर दिन बलात्कार हो रहे हैं लेकिन कितने मामलों में मानवाधिकार कार्यकर्ता दुष्कर्म का दर्द झेल रही बेटियों और उनके परिजन से मिलने के लिए जाते हैं।
यह बातें निर्भया की मां ने इंदौर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। 26 जनवरी को रीगल चौराहे पर अपना समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में निर्भया के माता-पिता और वकील झंडावंदन करेंगे। इससे पहले शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान निर्भया की मां ने कहा कि दुष्कर्मी कानून व्यवस्था के लचीलेपन का फायदा उठा रहे हैं और सरकार मूक दर्शक बनी है। इस केस में हाईकोर्ट कह चुका है की पूरी व्यवस्था कैंसरग्रस्त है तो क्यों इसे सुधारा नहीं जा रहा। निर्भया के पिता ने कहा, परिजन दुष्कर्म के मामलों को छिपा लेते हैं जिससे अपराधियों को बल मिलता है। जिस दिन माता-पिता अपनी बेटियों के साथ खड़े हो जाएंगे समाज भी साथ देगा, जिस तरह आज समाज हमारे साथ खड़ा है।

एक अपराध, एक एफआइआर लेकिन बचने की याचिकाएं अलग
वकील सीमा कुशवाहा ने कहा, दुष्कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से एक साथ फांसी हुई एफआइआर में सभी के एक साथ नाम हैं, लेकिन इसके बावजूद सभी अपने बचने के लिए अलग-अलग याचिकाएं लगा रहे हैं और कानून व्यवस्था की खामियों का फायदा उठा रहे हैं। हालांकि हमें पूरी उम्मीद है कि 1 फरवरी को चारों दुष्कर्मियों को एक साथ फांसी हो जाएगी।

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