दही या आलू खाने से नुकसान नहीं डॉ.महेंद्रनाथ ने बताया, खानपान को लेकर भी लोगों में काफी मिथ होते हैं जैसे आलू या दही नहीं खाना चाहिए। सिर्फ एक खास तरह के आर्थराइटिस में शरीर का यूरिक एसिड बढ़ जाता है इसलिए डॉक्टर्स टमाटर, गोभी, पालक आदि कम खाने के लिए कहते है। संतुलित आहार और व्यायाम के साथ स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। बचपन से विटामिन डी कमी के कारण भी आर्थराइटिस एक बड़ा कारण है। यह हमारा दुर्भाग्य है कि इतनी अच्छी सूर्य की रोशनी होने के बावजूद भी हमारे देश के अधिकांश लोगों में विटामिन डी की कमी है। हम पूरी तरह से कवर्ड होकर धुप में निकलते हैंए दूसरा प्रदुषण के कारण हमें शुद्ध धुप भी नहीं मिल पाती।
बढ़ते मरीजों के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं वेल्लोर के देबाशीष डांडा ने बताया 130 करोड़ आबादी वाले देश में 70 लाख लोगों को रूमेटोइड आर्थराइटिस है पर उनके इलाज के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। 20 साल में रूमेटोइड आर्थराइटिस की चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारीपरिवर्तन आए है। पहले जहां मेडिकल स्टूडेंट्स को इसके कारण विकृत हो चुके अंगों वाले मरीजों को दिखाया जाता था वही अब उन्हें अर्ली आर्थराइटिस के केस दिखाकर उन्हें पहचानना सिखाया जाता है। पहले लोग इस बीमारी के बारे में सुनकर ही डिप्रेशन में चले जाते थे पर अब ये स्थिति नहीं है। रूमेटोइड आर्थराइटिस के लिए आजकल बायोलॉजिकल ट्रीटमेंट्स भी उपलब्ध हैए जिसके भी कई प्रकार है पर इसमें मुश्किल यह है कि हमारे देश में 5 प्रतिशत से भी कम लोगों को सरकार या इंश्योरेंस कंपनी से मदद मिलती है बाकि 95 प्रतिशत लोगों को अपने जेब से ही इलाज का खर्च निकलना होता है इसलिए ये इन दवाइयों का उपयोग अभी ज्यादा लोग नहीं कर पाते। हालांकि समय के साथ ये दवाइयां भी इकनोमिक रेंज में आ जाएगी।