इंदौर -3 कांग्रेस नेता महेश जोशी के परिवार की इस परंपरागत सीट पर पिछली बार उनके भतिजे अश्विन चुनाव लड़े थे। अश्विन तीन बार से इसी विधानसभा से विधायक थे, लेकिन वे पिछला चुनाव हार गए थे।
कुल वोटर्स- १८७२१४
कुल वोटर्स- १८७२१४
वोट पड़े – १२७७०९ (कुल वोट का ६८.२२ फिसदी)
नोटा – १९१३ (कुल वोट का १.५० फिसदी) इंदौर -4 1993 से इस सीट पर लक्ष्मणसिंह गौड़ के परिवार का ही कब्जा है। पहले वे और 2008 से उनकी पत्नी विधायक हैं। लगातार एक ही परिवार का रूतबा इस सीट पर बना हुआ है, लेकिन क्षेत्र की पौने दो फिसदी जनता ने अब इस रूतबे की खिलाफत शुरू कर दी है।
कुल वोटर्स – २२७६०७
नोटा – १९१३ (कुल वोट का १.५० फिसदी) इंदौर -4 1993 से इस सीट पर लक्ष्मणसिंह गौड़ के परिवार का ही कब्जा है। पहले वे और 2008 से उनकी पत्नी विधायक हैं। लगातार एक ही परिवार का रूतबा इस सीट पर बना हुआ है, लेकिन क्षेत्र की पौने दो फिसदी जनता ने अब इस रूतबे की खिलाफत शुरू कर दी है।
कुल वोटर्स – २२७६०७
वोट पड़े – १५५२०४ (कुल वोट का ६८.१९ फिसदी)
नोटा – २६३३ (कुल वोट का १.७० फिसदी) देपालपुर भाजपा नेता निर्भयसिंह पटेल और कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल ने इस सीट को परंपरागत सीट बना रखा है। पिछले चुनावों में भी दोनों ही नेताओं के बेटे मनोज पटेल और सत्यनारायण पटेल भाजपा और कांग्रेस से चुनाव लड़े थे। जिसमें से मनोज पटेल चुनाव जीत गए थे।
कुल वोटर्स – २०२८४६
नोटा – २६३३ (कुल वोट का १.७० फिसदी) देपालपुर भाजपा नेता निर्भयसिंह पटेल और कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल ने इस सीट को परंपरागत सीट बना रखा है। पिछले चुनावों में भी दोनों ही नेताओं के बेटे मनोज पटेल और सत्यनारायण पटेल भाजपा और कांग्रेस से चुनाव लड़े थे। जिसमें से मनोज पटेल चुनाव जीत गए थे।
कुल वोटर्स – २०२८४६
वोट पड़े – १६४३८२ (कुल वोट का ८१.०४ फिसदी)
नोटा – १८९७ (कुल वोट का १.१५ फिसदी) देवास इस परंपरागत सीट पर देवास राजघराने का ही कब्जा रहा है। पहले देवास के महाराज तुकोजीराव पंवार विधायक थे, उनके बाद उनकी पत्नी 2015 में इस सीट पर चुनाव जीतीं। लेकिन उनको और उनके अलावा चुनाव में खड़े दूसरे प्रत्याशियों को जनता ने नकार दिया।
कुल वोटर्स – २२३३४७
नोटा – १८९७ (कुल वोट का १.१५ फिसदी) देवास इस परंपरागत सीट पर देवास राजघराने का ही कब्जा रहा है। पहले देवास के महाराज तुकोजीराव पंवार विधायक थे, उनके बाद उनकी पत्नी 2015 में इस सीट पर चुनाव जीतीं। लेकिन उनको और उनके अलावा चुनाव में खड़े दूसरे प्रत्याशियों को जनता ने नकार दिया।
कुल वोटर्स – २२३३४७
वोट पड़े – १५०७९३ – (कुल वोट का ६२.०९ फिसदी)
नोटा – १४६० बागली भाजपा नेता कैलाश जोशी इस सीट पर आठ बार विधायक रहे बाद में उनके बेटे दीपक जोशी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। एक ही परिवार के लोगों के प्रभूत्व को पिछले चुनावों में नकारने वाले मतदाताओं की संख्या भी काफी ज्यादा रही है।
कुल वोटर्स – २०४०४२
नोटा – १४६० बागली भाजपा नेता कैलाश जोशी इस सीट पर आठ बार विधायक रहे बाद में उनके बेटे दीपक जोशी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। एक ही परिवार के लोगों के प्रभूत्व को पिछले चुनावों में नकारने वाले मतदाताओं की संख्या भी काफी ज्यादा रही है।
कुल वोटर्स – २०४०४२
वोट पड़े – १५७४६३ (कुल वोट का ७७.१७ फिसदी)
नोटा – २९३८ (कुल वोट का १.८७ फिसदी) धार
भाजपा नेता विक्रम वर्मा का इस सीट पर एकाधिकार रहा है। पहले वर्मा और बाद में उनकी पत्नी यहां से प्रतिनिधित्व करते रहे। पिछले दो चुनावों से उनकी पत्नी नीना वर्मा लड़ रहीं है और 2013 में भी वे ही चुनाव जीती थी। लेकिन दो ओर भाजपा के बागी उम्मीदवारों के मैदान में होने के बाद भी सैंकड़ों लोगों ने सभी को नकार दिया था।
नोटा – २९३८ (कुल वोट का १.८७ फिसदी) धार
भाजपा नेता विक्रम वर्मा का इस सीट पर एकाधिकार रहा है। पहले वर्मा और बाद में उनकी पत्नी यहां से प्रतिनिधित्व करते रहे। पिछले दो चुनावों से उनकी पत्नी नीना वर्मा लड़ रहीं है और 2013 में भी वे ही चुनाव जीती थी। लेकिन दो ओर भाजपा के बागी उम्मीदवारों के मैदान में होने के बाद भी सैंकड़ों लोगों ने सभी को नकार दिया था।
कुल वोटर्स – २३६७९७
वोट पड़े – १७२६४९ (कुल वोट का ७२.९१ फिसदी) नोटा – १२९५ (कुल वोट का ०.७५ फिसदी) कुक्षी
कांग्रेस नेता प्रतापसिंह बघेल और उनके बाद उनके बेटे सुरेंद्रसिंह बघेल विधायक पद पर आसीन हैं। एक ही परिवार के लोगों के चुनाव मैदान में उतरने को क्षेत्र के हजारों लोगों ने नकार दिया था।
वोट पड़े – १७२६४९ (कुल वोट का ७२.९१ फिसदी) नोटा – १२९५ (कुल वोट का ०.७५ फिसदी) कुक्षी
कांग्रेस नेता प्रतापसिंह बघेल और उनके बाद उनके बेटे सुरेंद्रसिंह बघेल विधायक पद पर आसीन हैं। एक ही परिवार के लोगों के चुनाव मैदान में उतरने को क्षेत्र के हजारों लोगों ने नकार दिया था।
कुल वोटर्स – २०३३३७
वोट पड़े १४६०१५ (कुल वोट का ७१.८१ फिसदी) नोटा – ४८१७ (कुल वोट का ३.६० फिसदी) बदनावर
कांग्रेस नेता प्रेमसिंह दत्तीगांव यहां से विधायक रहे उसके बाद वे ही इस सीट पर लडते रहे उनके बाद उनके बेटे राजवर्धनसिंह दत्तीगांव इस सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। हालांकि पिछली बार वे हार गए थे। एकाधिकार को इस सीट के सैंकड़ों लोगों ने नकार दिया था।
वोट पड़े १४६०१५ (कुल वोट का ७१.८१ फिसदी) नोटा – ४८१७ (कुल वोट का ३.६० फिसदी) बदनावर
कांग्रेस नेता प्रेमसिंह दत्तीगांव यहां से विधायक रहे उसके बाद वे ही इस सीट पर लडते रहे उनके बाद उनके बेटे राजवर्धनसिंह दत्तीगांव इस सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। हालांकि पिछली बार वे हार गए थे। एकाधिकार को इस सीट के सैंकड़ों लोगों ने नकार दिया था।
कुल वोटर्स – १८०७१४
वोट पड़े – १४७२०४ (कुल वोट का ८१.४६ फिसदी) नोटा – २५०४ (कुल वोट का १.७० फिसदी) थांदला
सांसद कांतिलाल भूरिया इस सीट से 1980 से 98 तक विधायक रहे, उसके बाद उनकी पसंद ही इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी लड़ते रहे। वहीं भूरिया के एकाधिकार को आदिवासी बाहुल्य इस सीट के हजारों मतदाताओं ने पिछली बार नकार दिया था।
वोट पड़े – १४७२०४ (कुल वोट का ८१.४६ फिसदी) नोटा – २५०४ (कुल वोट का १.७० फिसदी) थांदला
सांसद कांतिलाल भूरिया इस सीट से 1980 से 98 तक विधायक रहे, उसके बाद उनकी पसंद ही इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी लड़ते रहे। वहीं भूरिया के एकाधिकार को आदिवासी बाहुल्य इस सीट के हजारों मतदाताओं ने पिछली बार नकार दिया था।
कुल वोटर्स – २०८७८०
वोट पड़े १६९०६५(कुल वोट का ८०.९७ फिसदी) नोटा – ३९१७ (कुल वोट का २.३२ फिसदी) पेटलावद
पूर्व भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया पहले यहां से विधायक रहे उनके बाद उनकी बेटी निर्मला भूरिया इसी सीट से 1993 से चुनाव लड़ती रही हैं। इस सीट पर वंशवाद के दंश से परेशान हजारों मतदाताओं ने पिछले चुनावों में उन्हें नकार दिया था।
वोट पड़े १६९०६५(कुल वोट का ८०.९७ फिसदी) नोटा – ३९१७ (कुल वोट का २.३२ फिसदी) पेटलावद
पूर्व भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया पहले यहां से विधायक रहे उनके बाद उनकी बेटी निर्मला भूरिया इसी सीट से 1993 से चुनाव लड़ती रही हैं। इस सीट पर वंशवाद के दंश से परेशान हजारों मतदाताओं ने पिछले चुनावों में उन्हें नकार दिया था।
कुल वोटर्स – २१९५८६
वोट पड़े – १६०१०७ (कुल वोट का ७२.९१ फिसदी) नोटा – ४४९२ (कुल वोट का २.८१ फिसदी) इंदौर -२
इस सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 1993 में जीते थे, उसके बाद इस सीट पर 2008 में उन्होने अपने मित्र रमेश मैंदोला को ये सीट सौंपकर महू से चुनाव लड़ा था। 2013 में मैंदोला ने जहां सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इसी सीट पर सबसे ज्यादा लोगों ने उन्हें और अन्य सभी प्रत्याशियों को नकार दिया था। इस सीट पर प्रदेश में सबसे ज्यादा नोटा को वोट जनता ने दिए थे।
वोट पड़े – १६०१०७ (कुल वोट का ७२.९१ फिसदी) नोटा – ४४९२ (कुल वोट का २.८१ फिसदी) इंदौर -२
इस सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 1993 में जीते थे, उसके बाद इस सीट पर 2008 में उन्होने अपने मित्र रमेश मैंदोला को ये सीट सौंपकर महू से चुनाव लड़ा था। 2013 में मैंदोला ने जहां सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इसी सीट पर सबसे ज्यादा लोगों ने उन्हें और अन्य सभी प्रत्याशियों को नकार दिया था। इस सीट पर प्रदेश में सबसे ज्यादा नोटा को वोट जनता ने दिए थे।
कुल वोटर्स- २८४८०४
वोट पड़े – १८६६९० (कुल वोट का ६५.५५ फिसदी) नोटा – ४९१९ (कुल वोट का २.६३ फिसदी)
वोट पड़े – १८६६९० (कुल वोट का ६५.५५ फिसदी) नोटा – ४९१९ (कुल वोट का २.६३ फिसदी)