जिस संपत्ति का क्षेत्रफल 2 से 5 हजार वर्गफीट से है वे कम क्षेत्रफल का संपत्ति और अन्य कर जमा कर रहे – संपत्ति कर सहित अन्य करों से प्रतिवर्ष निगम की आय 400 करोड़ रुपए से अधिक है। निगम द्वारा करों की वसूली व्यवस्थित की जाए तो आमदनी में और इजाफा हो सकता है। हालांकि वसूली के मामले में निगम हमेशा फेल रहा है। नगर निगम ने वर्ष 2016.17 में एक निजी फर्म को ठेका देकर शहर की संपत्ति का ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सर्वे ;जीआइएस कराने का फैसला लिया गया था। इसमें हजारों लोगों द्वारा कम संपत्ति कर जमा करने की बात सामने आई। सर्वे में पता चला कि जिस संपत्ति का क्षेत्रफल 2 से 5 हजार वर्गफीट से है वे कम क्षेत्रफल का संपत्ति और अन्य कर जमा कर रहे हैं।
30 तक का समय
निगम राजस्व विभाग समिति प्रभारी निरंजन सिंह चौहान गुड्डू ने बताया कि कम संपत्ति कर जमा करने वालों को नोटिस दिया गया है। इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद वसूली की जाएगी और खातों में उक्त निर्माण का टैक्स जोड़ दिया जाएगा।