scriptअब मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट, जानवरों से फैलता है संक्रमण | Now alert about monkeypox, infection spreads through animals | Patrika News

अब मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट, जानवरों से फैलता है संक्रमण

locationइंदौरPublished: May 24, 2022 05:42:17 pm

मंकीपॉक्स का वायरस बंदरों और अन्य जंगली जानवरों में होता है। संक्रमितों में ज्यादातर युवा हैं। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या का कहना है कि आदेश मिलते हैं तो एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स संक्रमितों की पहचान के लिए मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाएगी।

अब मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट, जानवरों से फैलता है संक्रमण

अब मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट, जानवरों से फैलता है संक्रमण

इंदौर. कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स का डर सता रहा है। ब्रिटेन से शुरू हुए मंकीपॉक्स वायरस के मामलों की फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया सहित 12 से अधिक देशों में पुष्टि हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मप्र में भी विशेष सावधानी बरतने को कहा है। इसके तहत इंदौर एयरपोर्ट पर मॉनिटरिंग की जाएगी। राहत की बात यह है कि भारत में अब तक इससे जुड़ा एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
मंकीपॉक्स का वायरस बंदरों और अन्य जंगली जानवरों में होता है। संक्रमितों में ज्यादातर युवा हैं। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या का कहना है कि आदेश मिलते हैं तो एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स संक्रमितों की पहचान के लिए मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाएगी।
ये हैं लक्षण

इसके लक्षण संक्रमण के 5वें से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं।
चेचक की तरह होता है मंकीपॉक्स

यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं मानी जाती है। यह ऑर्थोपॉक्स वायरस है, जिससे चेचक होता है। इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था। मध्य व पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में होने वाला यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। इंसानों में पहली बार 1970 में दर्ज किया गया।
ऐसे फैलता है संक्रमण

संक्रमित के संपर्क में आने पर मंकीपॉक्स फैलता है। वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। मानव-से-मानव में यह आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। डॉक्टरों के अनुसार, इसके अलावा पशु के काटने या खरोंच से भी संक्रमण हो सकता है।
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