उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल, बॉम्बे पब्लिक स्कूल, माइंड्स आई वल्र्ड स्कूल, श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल सहित 9 स्कूलों को फर्जी तरीके से मान्यता दी गई थी। जांच के बाद जिला राजेंद्र नगर पुलिस ने जिला प्रोग्रामर और डीपीसी अक्षय सिंह राठौर के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। जिसकी जांच जारी है।
विधायक शुक्ला ने शिक्षा विभाग से आरटीई एक्ट के तहत पिछले 5 वर्षों में दी गई निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर सवाल पूछे हैं। जिसमें मान्यता के मापदंड के बारे में पूछा गया है। इसके साथ ही इन पांच वर्षों में किन-किन सक्षम अफसरों ने मान्यता दी है उनकी जानकारी भी मांगी है।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
विभागीय सूत्रों के अनुसार इन 9 स्कूलों की मान्यता डीपीसी राठौर के डोंगल के माध्यम से डिजिटल साइन से की गई है। इस डोंगल की पूरी जिम्मेदारी संबंधित अफसर की ही होती है, लेकिन राठौर ने पूरी जिम्मेदारी जिला प्रोग्रामर पर ही थोप दी और विभाग ने जिला प्रोग्रामर को सेवा मुक्त कर दिया।
डीपीसी पर नहीं हुई कार्रवाई
विधायक शुक्ला ने यह भी पूछा है कि जिन 9 स्कूलों की फर्जी मान्यता डीपीसी अक्षय ङ्क्षसह राठौर ने दी थी। उनको लेकर जो जांच हुई है उसके बाद क्या कार्रवाई की गई। इस मामले में जांच रिपोर्ट, साइबर सेल की जांच रिपोर्ट आदि मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार फर्जी मान्यता मामले में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा डीपीसी राठौर को बचाया जा रहा है। यही कारण है कि राजेंद्र नगर पुलिस भी दबाव में जांच पूरी नहीं कर रही है।