शहर में सफाई के काम में लगातार नवाचार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब रोबोट का उपयोग भी किया जाएगा. कचरे के छांटने के काम में रोबोट के इस्तेमाल से सूखे कचरे की अप साइकिलिंग भी की जा सकेगी। जैसे कचरे में मिली शैम्पू की अच्छी कंपनी को पुन: उपयोग के लिए दी जा सकेगी। कचरे काे अप साइकल करने पर वर्जिन प्लास्टिक का उपयोग भी कम होगा।
जानकारी के अनुसार कंपनी ने कचरा छंटाई के लिए देशी तकनीक पर आधारित एआई रोबोट तैयार किया गया है। अभी एक कर्मचारी 200 किलो कचरा छांटता है जबकि रोबोट 800 किलो कचरे की छंटाई कर देगा। कर्मचारी एक मिनट में कचरे में से 40 वस्तुओं को उठाता है जबकि रोबोट एक मिनट में कचरे में से 200 वस्तुओं को अलग करेगा। इस तरह कचरे की छंटाई की गति कई गुना बढ़ जाएगी। रोबोट का उपयोग होने से ट्रेचिंग ग्राउंड में सूखे कचरे के प्लांट का 24 घंटे संचालन किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि अभी कचरा पृथकीकरण कार्य में ज्यादातर महिला कर्मचारी हैं जोकि रात में काम करने को तैयार नहीं रहती हैं। रोबोट के आने के बाद रात में भी प्लांट में कचरे की छंटाई का काम हो सकेगा।
अभी यह हो रहा
— ट्रेचिंग ग्राउंड में 23 प्रकार के कचरे की हो रही छंटाई
— ट्रेचिंग ग्राउंड के प्लांट पर रोज पहुंच रहा 400 टन सूखा कचरा
— सीमेंट फैक्टरियों को ईंधन के रुप में दे रहे 150 टन कचरा
— छंटाई के बाद बचता है 150 टन अनुपयोगी कचरा
— प्लांट में कचरे की छंटाई का काम करते हैं— 280 रैगपिकर्स