scriptअब सामान्य हिंदी में समझे गीता का ज्ञान | Now understand the knowledge of Gita in simple Hindi | Patrika News

अब सामान्य हिंदी में समझे गीता का ज्ञान

locationइंदौरPublished: Apr 20, 2022 10:37:54 am

Submitted by:

Sanjay Rajak

18 साल की मेहनत के आखिरकार संभवत देश की ऐसी पहली श्रीमद भागवत गीता लिखी गई है, जो कि सामान्य हिंदी भाषा लिखी गई है। लेखनी भी ऐसी कि आसानी से गीता के 18 अध्याय के 700 श्लोकों को समझकर दैनिक जीवन दिनचर्या में उतारा जा सकता है।

अब सामान्य हिंदी में समझे गीता का ज्ञान

अब सामान्य हिंदी में समझे गीता का ज्ञान

विजय प्रजापति@डॉ. आंबेडकर नगर(महू).

विदिशा के रहने वाले वाले और नोबेल वितेजा कैलाश सत्यार्थी के बड़े भाई डॉ. जनमोहन शर्मा ने यह गीता का अनुवाद किया है। इसके साथ ही वे अब 40 हजार से अधिक दोहे लिख चुके है। उनकी किताबे भी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में बतौर कोर्स पढ़ाई जा रही है। श्रीमद भगवत गीता हर एक घर में है, लेकिन उसे पढऩा और समझना मुश्किल है। पिछले 18 वर्षो की मेहनत के बाद डॉ. जगमोहन शर्मा ने गीता का अनुवाद सामान्य बोलचाल की हिंदी भाषा में किया है, ताकि हर एक को आसानी से गीता के दोहे समझ आ जाए। डॉ. आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विवि आए डॉ. शर्मा ने बताया कि श्रीमद भगवत गीता का कई वर्षो तक अध्ययन किया। जिसमें अहसास हुआ कि किताब में कई गई बात संस्कृत में लिखी हुई है और पूरे 18 अध्याय को समझना आम नागरिक के लिए बहुत ही मुश्किल की बात है। इसलिए मैंने इसका हिंदी अनुवाद दोहे के रूप में काम करना शुरू किया करीब 18 साल की निरंतर मेहनत प्रयास और गीता के 18 अध्याय के 700 श्लोकों को 700 दोहे हिंदी में किए। गीता का अर्थ समझा जा सके।
40 हजार से अधिक दोहे लिखे

डॉ. शर्मा ने बताया कि देश में संभवत यह पहली किताब होगी, इसमें श्रीमद भगवत गीता के 18 अध्याय का हिंदी रूपांतर कर दोहे में लिखा गया है। गीता के हर श्लोक सामान्य हिंदी भाषा में समझ आ जाएगा। इसके अलावा अभी तक 40 हजार से अधिक दोहे हिंदी में लिखे है। जिसमें देश की राजनीति, पिता-पुत्र, पुत्र-माता, पिता-बेटी, बहू आदि पर भी दोहे लिखे है। बेटे को लेकर उन्होंने दोहे में कहा कि-
जीते जी मां का कभी किया ना कोई काम, अब मां के कदमों तले कहते हैं चारों धाम।
बेटी तेरी दास्तान लिखने में आंसू गिरते हैं, साथ ही पेन निप भी स्याही छोड़ देती है।।
विक्रम विश्वविद्यालय में पढ़ाई जा रही है किताब

डॉ. शर्मा के द्वारा यक्ष प्रिया की पाती लिखी किताब विक्रम विवि उज्जैन द्वारा कोर्स में शामिल की गई है। इसमें 336 दोहे, 112 मेघदूत छंद है। डॉ शर्मा ने बताया अगर मप्र सरकार प्रदेश में श्रीमद् भगवत गीता को अध्ययन में शामिल कर सकती है, तो हिंदी में किए गए अनुवाद कि इस पुस्तक को शामिल कर सकती है।
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