मालूम हो, दो माह से देशी और विदेश शराब दुकान के साथ ही अहाता के विरोध में संघर्ष कर रहे रामकृष्णबाग के रहवासियों की आवाज बन पत्रिका ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। रहवासियों के साथ विधायक महेंद्र हार्डिया और क्षेत्रीय पार्षद संजय कटारिया भी खड़े रहे। विधायक हार्डिया रहवासियों के साथ कलेक्टर निशांत वरवडे और आबकारी विभाग से मिले, लेकिन दुकान शिफ्ट नहीं हो पा रही थी। इसके बाद विधायक ने आइडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी से चर्चा कर रणनीति तैयार की। आइडीए सीइओ गौतम सिंह ने सख्ती दिखाते हुए स्कीम ९४ में आइडीए की जमीन पर दुकान को बगैर अनुमति के अतिक्रमण मानते हुए हटाए जाने के लिए अफसरों का दल भेजा। जहां विवाद के बाद ठेकेदार को आइडीए अफसर राजकुमार हलधर ने ३१ मई तक का समय दिया।
कोर्ट में खारिज हुआ आवेदन
समय मिलने पर ठेकेदार कोर्ट चला गया, जहां कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने दुकान का फिर से सीमांकन कराया, जिसमें दुकानें और अहाता आइडीए की स्कीम ९४ पर पाए गए। ठेकेदार ने बुधवार को ही आइडीए अफसरों को अंडरटेकिंग देकर वक्त मांगा था, जिसके बाद शुक्रवार को दुकान शिफ्ट कर दी गई।
समय मिलने पर ठेकेदार कोर्ट चला गया, जहां कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने दुकान का फिर से सीमांकन कराया, जिसमें दुकानें और अहाता आइडीए की स्कीम ९४ पर पाए गए। ठेकेदार ने बुधवार को ही आइडीए अफसरों को अंडरटेकिंग देकर वक्त मांगा था, जिसके बाद शुक्रवार को दुकान शिफ्ट कर दी गई।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा यह जनता की जीत है। शहर में पहली बार एेसा हुआ है कि विरोध करने वालों को ठेकेदार लंगर छका रहा है। पत्रिका ने इस मुद्दे को लगातार प्रमुखता से उठाया और जनता की आवाज बना।
– महेंद्र हार्डिया, विधायक
– महेंद्र हार्डिया, विधायक
रानीबाग रहवासियों को कोर्ट के फैसले का इंतजार इधर, खंडवा रोड रानीबाग में शिफ्ट हुई शराब दुकान को लेकर विरोध के स्वर दूसरे दिन भी शांत रहे। रहवासियों ने बताया, उन्हें ठेकेदार ने आश्वासन दिया है कि वह कोर्ट में गया है। दो दिन में फैसला आ जाएगा। हम फैसले के बाद ही आगे की रणनीति बनाएंगे। दुकान यहां से जब तक शिफ्ट नहीं होगी, शांतिपूर्वक विरोध जारी रहेगा।