इस शहर में हादसे के इंतजार में अफसर, कई लोगों की जा चुकी जान
इंदौरPublished: Nov 09, 2022 08:36:06 pm
बसों की बेलगाम रफ्तार और नियम विरूद्ध चल रही बसों की सुध नहीं ले रहे


इस शहर में हादसे के इंतजार में अफसर, कई लोगों की जा चुकी जान
भूपेन्द्र सिंह@ इंदौर. आए दिन होने वाले बस हादसों में जान गंवाने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अब भी सड़कों पर सर्तकता नहीं देखी जा रही है। रीवा बस हादसा हो या भेरूघाट का एक्सीडेंट इन घटनाओं से भी सबक नहीं लिया जा रहा है। हर बार की तरह हादसे के बाद अधिकारियों ने मैदानी काम करने के बजाय केवल खोखले दावे किए। अफसर न तो सड़कों की इंजीनियरिंग सुधार पाए न ही तेज गति बसों पर लगाम लगा पाए। ऐसी स्थिति में फिर से हादसे का अंदेशा बना हुआ है।
भेरूघाट हादसे के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, कलेक्टर और आरटीओ समेत अधिकारियों ने बैठकें ली और मौके का दौरा कर व्यवस्थाएं सुधारने का दावा किया था, लेकिन न तो दुर्घटना स्थल की दशा बदली न ही बसों की मनमानी कम हुई। शहर से करीब 1 हजार से ज्यादा बसों का संचालन होता है। उज्जैन, देवास, महू, पीथमपुर, खंडवा और नेमावर रोड के रूटों की बसें बेलगाम दौड़ रही है। बिना फिटनेस-परमिट और ओवरलोड यात्री बस सड़कों पर है। बसों के अलावा स्कूली बसों में भी नियम लगातार टूट रहे हैं। प्रशासन और परिवहन विभाग ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो फिर से ऐसे हादसे होने की आशंका हमेशा बनी रहेगी।