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ऑयल कंपनियों ने शुरू की डीजल-पेट्रोल की राशनिंग, बढ़ेगी किल्लत

locationइंदौरPublished: Jun 13, 2022 05:05:59 pm

Submitted by:

Mohammad rafik

निजी कंपनियों ने पंप बंद करने के दिए ऑफर
 

ऑयल कंपनियों ने शुरू की डीजल-पेट्रोल की राशनिंग, बढ़ेगी किल्लत

ऑयल कंपनियों ने शुरू की डीजल-पेट्रोल की राशनिंग, बढ़ेगी किल्लत

बीपीसीएस व एचपीसीएल ने हाथ खींचे तो आइओसी पर बढ़ने लगा भार

इंदौर. रूस-यूक्रेन युद्ध (Rusia-ukrain war) के बाद दुनिया में ऊर्जा संकट का दौर जारी है। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम कर पेट्रोल-डीजल (Petrol disel) के दामों में राहत दी, लेकिन वैश्विक स्तर पर क्रूड के दामों में जारी उतार-चढ़ाव से तेल कंपनियाें ने सुगम आपूर्ति से हाथ खींचते हुए अघोषित राशनिंग शुरू कर दी है। तर्क दिया जा रहा है कि जितनी ज्यादा बिक्री हो रही है, तेल कंपनियों का घाटा उतना बढ़ता जा रहा है।
िस्थति बिगड़ते देख पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन ने सरकार को आगाह कर दिया है। बताया जा रहा है कि सार्वजनिक कंपनियों ने तो फिलहाल आपूर्ति प्रबंधन शुरू किया है। निजी कंपनियों ने तो डीलर्स को पंप बंद करने के ऑफर देने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड के दाम बढ़ रहे हैं। सरकार राहत का लाभ उपभोक्ताओं को कुछ समय तक दाम िस्थर रखकर देना चाहती है, इसीलिए कंपनियों को दाम बढ़ाने से रोके रखा है। विश्लेषकों के अनुसार, क्रूड के दाम 120 डाॅलर होने से कंपनियों का घाटा बढ़ने लगा है। यह दाम 100 डाॅलर के समय के हैं। कंपनियां इसे नियंत्रित करने के लिए डीजल की आपूर्ति रोक रही है। जिन पंप पर पेट्रोल की खपत कम और डीजल की ज्यादा है, वहां तय मात्रा में पेट्रोल लेने की शर्त डाली जा रही है।
शहर के आसपास असर शुरूपंप संचालकों का कहना है कि शहर के आसपास असर शुरू हो गया है। कंपनियों की रणनीति से इंडियन ऑयल पर दबाव बढ़ने लगा है। यदि ऐसी िस्थति कुछ दिन रही तो डीजल-पेट्रोल की किल्लत से इनकार नहीं कर सकते हैं। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मप्र के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि क्रूड के दाम पहले भी बढ़े थे। तब कंपनियों ने इस तरह की िस्थति नहीं बनाई थी। बीपीसीएल व एचपीसीएल से आपूर्ति प्रभावित हो रही है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को चिट्ठी लिखकर समस्या से अवगत कराया गया है। सरकार को िस्थति पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो किल्लत बढ़ेगी।
इसलिए बढ़ रही परेशानी

– ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के कारण मांग बढ़ी।

– निकाय व पंचायत चुनावों के चलते प्रचार-प्रसार में वाहनों का मूवमेंट अधिक हुआ।

– औद्योगिक उत्पादन बढ़ने से माल परिवहन भी बढ़ा।
प्रदेश में पंप – 3900

डीजल की खपत – 90 लाख से 1 करोड़ लीटर

पेट्रोल खपत – 55 से 60 लाख लीटर

इंदौर में पंप – 300

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