scriptशैक्षणिक दौरे पर विदेश जाने वाले कुलपतियों को बताना होगा क्या सीखकर लौटे? | On the academic tour will the VCs go abroad to learn what will come ba | Patrika News

शैक्षणिक दौरे पर विदेश जाने वाले कुलपतियों को बताना होगा क्या सीखकर लौटे?

locationइंदौरPublished: Sep 08, 2018 11:17:53 pm

Submitted by:

amit mandloi

शैक्षणिक दौरे पर विदेश जाने वाले कुलपतियों को बताना होगा क्या सीखकर लौटे?

Davv  indore news INDORE

शैक्षणिक दौरे पर विदेश जाने वाले कुलपतियों को बताना होगा क्या सीखकर लौटे?

– माहने में २५ दिन यूनिवर्सिटी में रहने के साथ पढ़ाने के लिए कक्षाओं में भी जाने के निर्देश

इंदौर. प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी का शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए राजभवन सतत निगरानी रखे हुए है। ग्रेडिंग सुधारने के लिए तैयारी शुरू कराने के बाद अब विदेशी यूनिवर्सिटी की तर्ज पर सुधार की तैयारी है। कुलाधिपति ने कुलपतियों को निर्देश दिए है कि वे शैक्षणिक दौरे पर विदेश जाएं तो लौटकर बताएं कि क्या नई बातें जानकर और सीखकर लौटे हैं। इन्हें प्रदेश की यूनिवर्सिटी में अमल में लाया जाएगा।
समन्वय समिति की भोपाल में हुई बैठक व्यवस्थागत सुधार के मु²ों पर ही केंद्रित रही। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कुलपतियों के दौरों के संबंध में तैयार नियम बताते हुए कहा, सभी राज्यपाल भी राष्ट्रपति को रिपोर्ट देते हैं। इसी तरह कुलपतियों को भी अपने कामकाज का ब्यौरा राज्यपाल को देना चाहिए। कुलाधिपति ने कहा कि देश-विदेश की कई यूनिवर्सिटी में कुलपतियों का लगातार आना-जाना होता है। लेकिन, इसका ज्यादा फायदा हमारी यूनिवर्सिटी को नहीं मिल पा रहा है। कुलपति बड़ी यूनिवर्सिटी के अनुभव शेयर करें, तो यहां भी बेहतरी के कदम उठाए जा सकते हैं। विदेश दौरे से लौटने के बाद कुलपति को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना होगी। कुलपतियों को माह में कम से कम २५ दिन यूनिवर्सिटी में उपस्थित रहने के लिए भी कहा है।
छात्रों से भी रखे संपर्क

पढ़ाई के सिलसिले में प्रोफेसर और छात्रों के बीच संपर्क रहता है। लेकिन, ज्यादातर कुलपति छात्रों से दूरी बनाए रहते हैं। इस पर कुलाधिपति ने कुलपतियों को छात्रों से संपर्क बनाए रखने के लिए कक्षाओं में जाकर पढ़ाने के लिए भी कहा। छात्रों के बीच जाने से कुलपति पढ़ाई का स्तर जानने के साथ उनकी परेशानियां भी समझेंगे। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ ने बताया, शैक्षणिक विकास के लिए कुलपतियों को अकसर सेमिनार, कॉन्फे्रंस में जाना होता है। खुशी की बात है कि अब ये अनुभव प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी के साथ भी शेयर हो सकेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो