रात 8.15 बजे ट्रेन रवाना हुई। शाम ५ बजे से ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पांच पर प्लेस हो गई थी। परीक्षा देकर आ रहे परीक्षार्थी सीधे ट्रेन में बैठ रहे थे, लेकिन सभी १८ कोच में अंधेरा था। शाम 7 बजे तक प्लेटफॉर्म की लाइट भी शुरू नहीं हुई। आरपीएफ की आपत्ति के बाद प्लेटफॉर्म रोशन हुआ। कुछ देर बाद ट्रेन में सवार कुछ परीक्षार्थियों ने कोच की लाइट चालू करने के लिए शोर मचाना शुरू किया। यहां मौजूद आरपीएफ टीआइ जेआर यादव ने मौके की नजाकत भांपकर तत्काल कोच की लाइट चालू करने के लिए कहा। करीब 7.30 बजे कोच की लाइट चालू की गई, तब जाकर परीक्षार्थियों का शोर कम हुआ। अगर आरपीएफ इस ओर ध्यान नहीं देता तो बड़ा तीसरी बार स्टेशन परिसर में हंगामा हो जाता।
गंदगी कर गए स्टेशन पर सफाई का काम कर रही कंपनी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। कल शाम को प्लेटफॉर्म नंबर ५-६ और ट्रैक पर गंदगी फैली हुई थी, लेकिन एक भी सफाई कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसी दौरान रतलाम से ग्वालियर जाने के लिए ट्रेन आई तो यात्री बदबू से परेशान होते हुए परिसर से बाहर निकले। बता दे कि स्टेशन पर सफाई के लिए हर माह करीब १० लाख रुपए खर्च किए जा रहे है। लापरवाही को लेकर कंपनी पर हर माह पेनल्टी भी लगाई जा रही है, बावजूद कंपनी अपने काम में सुधार नहीं कर रही है।