२०१८-१९ सत्र के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग चार चरणों में होगी। पहले तीन चरण के बाद खाली रहने वाली सीटें अंत में कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) से भरी जाएंगी। यूजी कोर्स के लिए इस बार पहले चरण के लिए 9 जून तक ही रजिस्ट्रेशन हो सकेंगे। सीमित समय मिलने से शुरुआती दिनों में ही छात्र रजिस्ट्रेशन कराने को उमड़ पड़े है। लेकिन, सर्वर की लिंक फेल होने से रजिस्ट्रेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ऑनलाइन काउंसलिंग में हुई देरी के कारण अल्पसंख्यक कॉलेजों ने पहले ही एडमिशन शुरू कर दिए थे। हालांकि, इनके लिए भी अब तक लिंक शुरू नहीं हुई है। प्रदेश के 80 कॉलेज अल्पसंख्यक का दर्जा हासिल करने में सफल रहे। इनमें 40 सिर्फ इंदौर के ही है। गुजराती समाज के कॉलेज, इस्लामिया करीमिया कॉलेज, क्रिश्चियन एमिनेंट, इस्बा इंस्टिट्यूट, विशिष्ट कॉलेज, कॉम्पफीडर्स आइसेक्ट कॉलेज, इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, रेनेसां कॉलेज, अक्षय एकेडमी, जैन दिवाकर कॉलेज, अरिहंत कॉलेज, एलेक्जिया कॉलेज, आइडिलिक, माता गुजरी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल, सेंट पॉल इंस्टिट्यूट, स्वाति जैन इंस्टिट्यूट व इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों में एडमिशन दिए जा रहे है।
वर्जन – ऑनलाइन काउंसलिंग के रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद चॉइस फिलिंग और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना होंगे। अल्पसंख्यक कॉलेजों में सीधे एडमिशन हो रहे है।
– प्रो.केएन चतुर्वेदी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग
– प्रो.केएन चतुर्वेदी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग
ये है प्रक्रिया घर पर कम्प्यूटर, किसी भी सायबर कैफे पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद चॉइस फिलिंग का मौका मिलेगा। अपनी पसंद के कोर्स कोर्स और सब्जेक्ट ग्रुप चुने। चॉइस फिलिंग के बाद सरकारी कॉलेज में बनाए हेल्प सेंटर पर जाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना है। अलॉटमेंट मिलने पर कॉलेज जाकर ऑनलाइन फीस जमा कराना है। अलॉटमेंट नहीं पाने वाले या फिर अलॉटमेंट के बावजूद रिपोर्टिंग नहीं करने वाले दूसरे चरण के लिए पात्र रहेंगे।