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ऑनलाइन इ-अनुज्ञा बढ़ा रही परेशानी, व्यापारियों पर बढ़ रहा आर्थिक भार

locationइंदौरPublished: Oct 18, 2019 06:30:18 pm

Submitted by:

Anil Kumar Dharwa

सर्वर बना इ-अनुज्ञा में बाधा, तीन दिन से हो रही परेशानी

ऑनलाइन इ-अनुज्ञा बढ़ा रही परेशानी, व्यापारियों पर बढ़ रहा आर्थिक भार

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इंदौर. प्रदेश सरकार ने उपज मंडियों में व्यापारियों के लिए इ-अनुज्ञा बनाए जाने का प्रावधान एक महीने पहले किया। लेकिन तीन दिन से सर्वर की दिक्कत से इ-अनुज्ञा नहीं बन पा रही है। इससे व्यापारियों को माल मंडी परिसर से बाहर नहीं जा पा रहा है। व्यापारियों पर आर्थिक भार बढ़ रहा है। वहीं, मंडी प्रशासन का दावा है कि व्यवस्था में सुधार हो गया है, किसी भी प्रकार से व्यापारियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। सर्वर की दिक्कत के चलते मैन्यूअली भी अनुज्ञाएं जारी की जाएगी।
दरअसल, मंडी बोर्ड द्वारा कुछ महीनों पहले भी इ-अनुज्ञा जारी की गई थी। उस दौरान प्रदेशभर में इसका व्यापारियों द्वारा विरोध किया गया था। हाल ही में इसमें मौजूद कमियों को दूर कर मंडी बोर्ड ने फिर से इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। इस व्यवस्था में व्यापारियों खुद पोर्टल पर इ-अनुज्ञा के लिए जानकारी लोड कर सकता है, उसे वेरिफिकेशन के लिए मंडी समिति के पास जाना होता है। यह व्यवस्था व्यापारियों की सुविधा के लिए मंडी बोर्ड द्वारा की गई। हालांकि अब मंडी में किसानों की उपज आना शुरू हो गई और इधर प्रदेश भर में इ-अनुज्ञा भी बनने की संख्या में अचानक इजाफा हो गया। इंदौर की दोनों कृषि उपज मंडी लक्ष्मीबाई नगर और छावनी अनाज मंडी में भी माल की आवक बढ़ गई है। जिससे पहले 500 अनुज्ञा प्रतिदिन बनती थी, वह आंकड़ा अब 700 से 800 तक पहुंच गया। इ-अनुज्ञा में इजाफा होने के साथ ही सर्वर पर लोड भी बढऩे लगा। जिससे दिक्कतें शुरू हो गई। व्यापारियों ने बताया कि पीछे तीन दिन से सर्वर में परेशानी चल रही है। महज 10 से 15 मिनिट ही पोर्टल काम कर पा रहा है। ऐसे में मंडी से बाहर माल भेजने में आर्थिक नुकसान हो रहा है। इ-अनुज्ञा नहीं बनने से वाहन में लोड माल मंडी से बाहर नहीं जा पाता है। जिससे वाहन का भाड़े का अतिरिक्त खर्च आ रहा है। यह खर्च प्रति वाहन कम से कम 1500 रुपए एक दिन का आ रहा है। दूसरी और प्लांट पर माल नहीं पहुंचने से पेमेंट में भी विलंब होगा। जिससे मंडी में किसानों का माल खरीदी करने में व्यापारियों को दिक्कत आएगी, क्योंकि व्यापारी के पास पैसा नहीं आएगा, तो वह किसान का माल भी नहीं खरीद पाएगा।इस संबंध में मंडी सचिव मानसिंह मुनिया का कहना है कि सर्वर की दिक्कत आ रही थी, जिसे दूर कर दिया गया है। किसी भी व्यापारी को इ-अनुज्ञा नहीं बनने पर परेशान नहीं किया जाएगा। उन्हें मैन्युअली भी अनुज्ञा जारी कर दी जाएगी।
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