गौरतलब है, लंबे समय से चल रही कवायद के बाद जनवरी में एमवाय अस्पताल की ओपीडी में इ-अस्पताल योजना लागू की गई थी। इसमें ओपीडी, आइपीडी सहित सारा काम ऑनलाइन होना है। पहले चरण में सभी क्लीनिकल विभागों की ओपीडी को ऑनलाइन करने की योजना थी। इससे मरीज को घर बैठे ओपीडी रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिल पाती। एक नंबर अस्पताल के उपयोग के लिए और दूसरा यूनिवर्सल कोड के रूप में दिया जाता है।
इसका मकसद था, इस नंबर से अन्य अस्पताल में भी मरीज का रिकॉर्ड देखा जा सके। ओआरएस पोर्टल में ऑन-बोर्ड हुए 11 माह बीत चुके हैं। अब तक ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सुविधा ओपीडी के लिए ही है। रजिस्ट्रेशन कराने वालों को केवल अलग काउंटर से पर्ची मिलने की सुविधा मिल रही है। इसके बाद विभागों में डॉक्टर को दिखाने के लिए लंबी कतार में लगना पड़ रहा है।
इसकी वजह पोर्टल से ओपीडी काउंटर तो कनेक्ट है, लेकिन विभाग, पैथालॉजी, लैब और आइपीडी ऑनलाइन कनेक्ट नहीं होना है। देश में ओआरएस पोर्टल से 190 सरकारी अस्पताल कनेक्ट हुए हैं। बुधवार रात तक 20 लाख 24 हजार 452 मरीजों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए हैं। सुविधा के मामले में एम्स अस्पताल ही आगे हैं। भोपाल एम्स रजिस्ट्रेशन के मामले में देश में चौथे नंबर पर है।
अस्पताल कुल रजिस्ट्रेशन
एम्स, दिल्ली 813884
एम्स, भुवनेश्वर 97323
एम्स, बेंगलूरु 89056
एम्स, भोपाल 79536
एम्स, ऋषिकेश 52870 इ-अस्पताल योजना को लेकर बजट स्वीकृत कर दिया। फिलहाल कितना काम हुआ है, यह जानकारी लेकर ही बता पाउंंगा। हमारा प्रयास ओपीडी के बाद पैथोलॉजी व लैब में ऑनलाइन काम की व्यवस्था करना है।
डॉ. वीएस पाल, अधीक्षक एमवाय
एम्स, दिल्ली 813884
एम्स, भुवनेश्वर 97323
एम्स, बेंगलूरु 89056
एम्स, भोपाल 79536
एम्स, ऋषिकेश 52870 इ-अस्पताल योजना को लेकर बजट स्वीकृत कर दिया। फिलहाल कितना काम हुआ है, यह जानकारी लेकर ही बता पाउंंगा। हमारा प्रयास ओपीडी के बाद पैथोलॉजी व लैब में ऑनलाइन काम की व्यवस्था करना है।
डॉ. वीएस पाल, अधीक्षक एमवाय
प्रदेश का हाल
अस्पताल मंगलवार के अपॉइंटमेंट कुल
एम्स, भोपाल 240 79536
एमवायएच, इंदौर 1 148
सागर मेडि. कॉलेज 0 76
कैंटोनमेंट, सागर 0 34
भिंड जिला अस्प. 0 48
मोरार जिला अस्प. 0 72
जबलपुर मे.कॉलेज 0 228 एमवाय के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
विभाग संख्या
त्वचा 56
मेडिसिन 34
इएनटी 16
नेत्र रोग 9
हड्डी रोग 17
सर्जरी 9
टीबी एंड चेस्ट 2
मनोरोग 2