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निगम में ठेके पर कर्मचारी रखने का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

locationइंदौरPublished: Jul 15, 2019 06:34:52 pm

महासंघ और सफाई कामकार संघ ने एकजुट होकर लड़ाई लडऩे का किया ऐलान

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निगम में ठेके पर कर्मचारी रखने का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

इंदौर.नगर निगम में ठेके पर कर्मचारी रखने का संगठनों ने विरोध कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। निगम में कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन महासंघ और सफाई कामगार संघ ने एकजुट होकर लड़ाई लडऩे का एलान किया है। इसके चलते नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री सहित निगम आयुक्त के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने के साथ बाहरी यानी ठेके पर कर्मचारी न रखने की मांग की जाएगी। मांग मंजूर न होने पर काम बंद हड़ताल तक करने की बात कर्मचारी नेताओं ने कही है। समय-समय पर निगम में विभिन्न कार्यों को करने के लिए वाहन चालक, सफाई श्रमिक (स्वीपर), कम्प्यूटर ऑपरेटर (डाटा एंट्री ऑपरेटर), मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, लाइन मैन, समयपाल (टाइम कीपर), लाइफ गार्ड, फायर मैन, कारपेंटर, प्रशिक्षित माली, प्लंबर, स्पोर्ट ट्रेनर, सुरक्षाकर्मी आदि की जरूरत पड़ती रहती है। इसके चलते निगम इन कामों को कराने के लिए मस्टर पर लोगों को नौकरी देता है। अभी तक मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, पार्षद, कर्मचारी संगठन पदाधिकारी और राजनीति से जुड़े नेताओं के साथ रसूखदारों के कहने पर लोगों की निगम में नौकरी लगते आई है। निगम में मस्टरकर्मियों की भर्ती पर राज्य शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। निगम में काम करने वालों की जरूरत पडऩे पर लोगों को मस्टर पर रखने के बजाय आउटसोर्स यानी ठेके पर कर्मचारी बुलवाए जा रहे हैं। इसके लिए टेंडर स्थापना विभाग ने पिछले दिनों ही जारी कर दिए हैं। इसमें आउटसोर्स एजेंसी शामिल होकर निगम को कर्मचारी ठेके पर उपलब्ध कराएगी।
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निगम में ठेके पर कर्मचारी रखने का टेंडर जारी होने के बाद से मेयर-इन-कौंसिल (एमआईसी) सदस्य सुधीर देडग़े, नगर पालिक निगम महासंघ के अध्यक्ष उमाकांत काले, सफाई कामगार संघ के महेश गोहर, लीलाधर करोसिया और शिव घावरी सहित अन्य कर्मचारी नेताओं ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। निगम में ठेके पर कर्मचारी रखने का विरोध करते हुए इन्होंने अपनी आपत्ति लिखित में आयुक्त आशीष सिंह के समक्ष दर्ज करा दी है। कर्मचारियों को ठेके पर रखने के मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मचारी संगठन ने नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रभारी मंत्री बाला बच्चन से मिलकर निगम में ठेका प्रथा बंद करने की मांग रखने की बात कही है। अगर मांग नहीं मानी गई तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा। इसके तहत निगम में काम बंद हड़ताल भी होगी। मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग सहित जनकार्य, जलकार्य, विद्युत, कॉलोनी सेल, बिल्डिंग परमिशन, जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन, राजस्व, उद्यान, वर्कशॉप विभाग और पानी की टंकी आदि पर 5900 से ज्यादा मस्टरकर्मी निगम में काम करते हैं। फील्ड में काम करने के साथ निगम मुख्यालय सहित जोनल ऑफिस पर यह मस्टरकर्मी तैनात हैं।
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पहले भाग चुकी कंपनी

कर्मचारी संगठन के नेताओं का कहना है कि निगम ने शहर की सफाई का ठेका एटूजेड कंपनी को दिया था, जिसके कर्मचारी बिना काम का पैसा लेते थे और शहर में गदंगी के साथ कचरा जगह-जगह फैला पड़ा रहता था। कंपनी के कर्मचारियों के काम न करने पर ही निगम से बाहर का रास्ता दिखाया गया। ऐसे ही हाल स्ट्रीट लाइट के संचालन और संधारण का ठेका लेने वाली एशियन और सिटी लुम का था। इनके कर्मचारी भी काम नहीं करते थे। ईृनगर पालिका का काम करने वाली ठेकेदार कंपनी के लोग भी लापरवाही बरत रहे थे। नतीजतन आज तक निगम में यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। ऑनलाइन नक्शा पास करने वाली ऑटो डीसीआर सेल का भी यही हाल है। ठेकेदार कंपनी के कर्मचारियों के काम न करने की आदत जानने के बावजूद निगम अफसर फिर ठेके पर कर्मचारी रखने का समर्थन कर रहे हैं। इसका विरोध करते हुए जल्द ही आंदोलन किया जाएगा।
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