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कांग्रेस की सरकार बनते ही बदले सुर…नेता प्रतिपक्ष की अफसरों को धमकी बंद करवा दूंगी जेल में

locationइंदौरPublished: Jan 09, 2019 11:05:55 am

Submitted by:

Uttam Rathore

जनसुनवाई के दौरान हंगामा कर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, मुख्यमंत्री कमल नाथ को लाकर बैंठाने तक की कही बात

Indore Municipal Corporation

कांग्रेस की सरकार बनते ही बदले सुर…नेता प्रतिपक्ष की अफसरों को धमकी बंद करवा दूंगी जेल में

इंदौर.

अब अधिनियम-एक्ट के अनुसार नगर निगम चलेगी। महापौर मालिनी गौड़ का एक्ट खत्म हो गया है। बार-बार बोलने पर भी हमारे काम न करने का रवैया ठीक नहीं है। आरटीआई में जानकारी मांगने पर जवाब तक नहीं देते हो। ***** समझ रखा है क्या आपने हम लोगों को? अगर ऐसा ही चलता रहा तो मुख्यमंत्री को लाकर बैंठा दूंगी यहां पर और सबको जेल में बंद करवा दूंगी।
इस तरह की धमकी नगर निगम के अफसरों को नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम ने मंगलवार को उस समय दी, जब वे कांग्रेस पार्षद दल के साथ वार्डों की समस्या को लेकर और सूचना का अधिकार (आरटीआई) में मांगी गई जानकारी का जवाब न मिलने पर जनसुनवाई में पहुंची। इधर, नेता प्रतिपक्ष अलीम की धमकी के बाद निगम अफसरों की तरफ से अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने मोर्चा संभाला और बोले किसी के दबाव में आकर काम नहीं करेंगे। नेता प्रतिपक्ष अलीम और निगम के अफसरों में जहां जोरदार बहस हुई, वहीं काफी देर तक हंगामा भी होता रहा। इस दौरान प्रदेश में सरकार बदलने का असर निगम की जनसुनवाई में देखने को मिला, क्योंकि कांग्रेस पार्षदों ने १५ साल बाद सत्ता में आने का पूरा पॉवर निगम के अफसरों को दिखाया। साथ ही अपने कामों को लेकर जोरदार तरीके से घेरा और निगम अफसरों पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। इस पर अफसरों ने भी नेता प्रतिपक्ष अलीम सहित कांग्रेस के पार्षद अंसाफ अंसारी, अनवर दस्तक और मुबारिक अंसारी सहित अन्य पार्षदों को करारा जवाब दिया। कहा अगर आपके कहे अनुसार कहीं भ्रष्टाचार और घोटाला हुआ है, तो सिस्टम बना हुआ है, शिकायत करके जांच करवा लें। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। अगर कोई दोषी होगा, तो सजा भी मिलेगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से निगम में नेता प्रतिपक्ष अलीम ने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। संभागायुक्त राघवेंद्र सिंह से मुलाकात के दौरान उन्होंने निगम की जनसुनवाई व्यवस्था में बदलाव करने के निर्देश जारी करवाए, क्योंकि अफसर अपने कमरों में बैठकर जनसुनवाई करते थे। संभागायुक्त के निर्देश पर कल यानी मंगलवार को जनसुनवाई शहरी-गरीब उपशमन प्रकोष्ठ के हॉल में हुई और अफसर एक साथ बैठे।
देवेंद्र सिंह ने दिया जवाब- ट्रांसफर हो जाएगा तो चल देंगे
जनसुनवाई के दौरान नेता प्रतिपक्ष अलीम और अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह के बीच अच्छी-खासी बहस हो गई। निगम के अफसरों पर दवाब बनाने के पूरे प्रयास किए गए, लेकिन वे आए नहीं। सिंह ने यहां तक कह दिया कि आपकी सरकार है… हमारा ट्रांसफर हो जाएगा मैडम तो चल देंगे कोई दिक्कत नहीं, पर किसी के दबाव में आकर काम नहीं करेंगे। नियम-कायदे से ही काम होगा। बहुत सारी पॉलिटिकल बातें है, जिनका जवाब हम नहीं दे सकते हैं। हमारे निगम में जो हो रहा है…वह कानून-कायदे से हो रहा है। कोई आरोप लगा रहा है…तो सिस्टम है जांच करा लें, लेकिन यह स्पष्ट है कि निगम अफसर किसी के दवाब में नहीं आएंगे। हंगामे के दौरान अपर आयुक्त रजनीश कसेरा, संदीप सोनी और प्रभारी सिटी इंजीनियर महेश शर्मा सहित अन्य अफसर मौजूद थे।
डर के मारे 2 बजे तक बैठे रहे अफसर
हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई का समय सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक का है। इसके चलते नेता प्रतिपक्ष अलीम ने कांग्रेस पार्षदों के साथ दोपहर 12 बजे जनसुवाई में आने का कहा, लेकिन वे पहुंची दोपहर 12.30 बजे के आसपास। यूं तो जनसुवाई दोपहर 1 बजे तक खत्म कर दी जाती है, लेकिन प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस का कब्जा होने के बाद जिस तरह से प्राशसनिक सर्जरी हो रही है, उसको देखते हुए निगम के अफसर डर के मारे दोपहर 2 बजे तक कांग्रेस पार्षदों की सुनवाई करते रहे। इस दौरान शिकायत लेकर पहुंची आम जनता परेशान होती रही।
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