इंदौर

वर्षों बाद आया आदेश, खाते में नहीं आई मेहनत की कमाई

राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के हक में सुनाया था फैसला

इंदौरMay 07, 2018 / 11:01 am

Sanjay Rajak

न्यूज़ टुडे. इंदौर.
राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के हक में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले ही फैसला सुना दिया था, फिर भी हजारों कर्मचारियों को पैसा नहीं मिला। हाल ही में प्रांतीय राज्य परिवहन कर्मचारी संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर की है, जिस पर आज सुनवाई होना है।
प्रांतीय राज्य परिवहन कर्मचारी संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट जाने पर कोर्ट ने दिसंबर 2016 में आदेश देकर निगम के जनवरी 1988 से कार्यरत कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की राशि दो माह में जारी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद परिवहन निगम प्रबंधन द्वारा सुप्रीम कोर्ट से चार माह का अतिरिक्त समय लिया गया था। जून 2017 में यह समय भी निकल गया। इसके बाद भी कर्मचारियों को पैसा नहीं मिला। प्रबंधन द्वारा समय बढ़ाने के लिए दोबारा सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया गया। इसके बाद प्रांतीय राज्य परिवहन कर्मचारी संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति लगाई गई। इसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रबंधन का आवेदन खारिज कर दिया और 31 दिसंबर तक सभी कर्मचारियों का भुगतान करने के निर्देश जारी किए।
प्रदर्शन किया था

संघ के उपाध्यक्ष महेश कुमार सातोडिय़ा ने बताया कि जुलाई और अक्टूबर 2017 में भी संघ द्वारा सपनि के मुख्यालय भोपाल में प्रदर्शन किया गया था। इसके बावजूद प्रबंधन द्वारा भुगतान न करते हुए कोर्ट में आवेदन लगा दिया गया।
गलत खाते नंबर डाल दिए

संघ के महेश कुमार ने बताया कि अब तक 10 हजार कर्मचारियेां को पैसा मिल चुका है। करीब 5 हजार कर्मचारी शेष हैं। सपनि के इंदौर संभाग कार्यालय ने सैकड़ों कर्मचारियों के गलत खाते नंबर डाल दिए, जिससे पैसा उनके खाते में नहीं पहुंचा।
इक नजर…

करीब 15 हजार कर्मचारी

10 हजार का भुगतान हो चुका।

5 हजार पूर्व कर्मचारियों को भुगतान नहीं हुआ।

इंदौर जिले में महंगाई भत्ते के लिए 5 हजार आवेदन लगे थे
करीब 500 कर्मचारियों को भुगतान हुआ।

कर्मचारियों को 25 हजार से 3 लाख रुपए तक मिलेंगे।
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