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एमवाय में पेड क्लीनिक के निर्देश जारी, मरीज-डॉक्टरों की रुचि पर संशय

locationइंदौरPublished: Jan 20, 2019 10:58:03 am

एमवाय अस्पताल की ओपीडी में शाम के वक्त पेड क्लीनिक खोलने की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एमजीएम डीन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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एमवाय में पेड क्लीनिक के निर्देश जारी, मरीज-डॉक्टरों की रुचि पर संशय

इंदौर. एमवाय अस्पताल की ओपीडी में शाम के वक्त पेड क्लीनिक खोलने की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एमजीएम डीन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। क्लीनिक की शर्तों के हिसाब से डॉक्टरों के साथ यहां मरीजों के पहुंचने को लेकर संशय बना हुआ है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने अगस्त 2018 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाले इलाज की सुविधाएं अपग्रेड करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया था, इसको अमलीजामा पहनाने की कोशिश की जा रही है। एमजीएम डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने सभी प्रोफेसर और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं।
ये हैं नियम
– ओपीडी में पेड क्लीनिक का समय शाम 6.30 से 8.30 बजे होगा।
– यह सुविधा ऐसे डॉक्टर ही ले सकेंगे, जो निजी प्रैक्टिस नहीं कर रहे या उन्होंने निजी प्रैक्टिस के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया है।
– डॉक्टर खुद अपना परामर्श शुल्क निर्धारित कर सकते हैं, जिसका 50 फीसदी डॉक्टर और 50 मेडिकल कॉलेज के खाते में जाएगा।
– क्लीनिक का संचालन का खर्च कॉलेज करेगा, राशि बचने पर डॉक्टर्स को प्रोत्साहन राशी दी जा सकेगी।
– ऑनलाइन या फोन पर अपाइंमेंट, वॉक इन और केश काउंटर की व्यवस्था होगी। मरीजों को दवाओं और जांच के लिए शुल्क देना होगा।
यहां फंसेगा पेंच
– वर्षों से प्रैक्टिस से दूर डॉक्टर पढ़ाने के अलावा अन्य सरकारी काम करते हैं, ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे करेंगे।
– करीब 40 फीसदी डॉक्टर्स निजी प्रैक्टिस करते हैं, मरीज उनकी बजाए क्लीनिक में पैसा देकर इलाज क्यों कराएंगे।
– क्लीनिक में डॉक्टर्स तो रहेंगे, लेकिन जांचों के लिए तकनीकी स्टाफ न होने से रिपोर्ट के लिए लंबा समय लगेगा।
– प्रैक्टिस नहीं करने वाले अधिकतर डॉक्टर नॉन प्रैक्टिसिंग अनाउंस (एनपीए) लेते हैं, क्लीनिक में बैठने पर एनपीए नहीं मिलेगा।
फिलहाल सभी विभागों से पूछा है कि कौन-कौन पेड क्लीनिक में भाग लेना चाहता है। शाम के वक्त कर्मचारियों और तकनीकी स्टाफ की व्यवस्था करेंगे। नॉन प्रैक्टिस डॉक्टरों में डीन, अधीक्षक से लेकर अन्य जिम्मेदार भी शामिल होंगे, जो दिन में जिम्मेदारी के कारण प्रैक्टिस नहीं कर पाते।
डॉ. ज्योति बिंदल, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज
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