– ओपीडी में पेड क्लीनिक का समय शाम 6.30 से 8.30 बजे होगा।
– यह सुविधा ऐसे डॉक्टर ही ले सकेंगे, जो निजी प्रैक्टिस नहीं कर रहे या उन्होंने निजी प्रैक्टिस के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया है।
– डॉक्टर खुद अपना परामर्श शुल्क निर्धारित कर सकते हैं, जिसका 50 फीसदी डॉक्टर और 50 मेडिकल कॉलेज के खाते में जाएगा।
– क्लीनिक का संचालन का खर्च कॉलेज करेगा, राशि बचने पर डॉक्टर्स को प्रोत्साहन राशी दी जा सकेगी।
– ऑनलाइन या फोन पर अपाइंमेंट, वॉक इन और केश काउंटर की व्यवस्था होगी। मरीजों को दवाओं और जांच के लिए शुल्क देना होगा।
– वर्षों से प्रैक्टिस से दूर डॉक्टर पढ़ाने के अलावा अन्य सरकारी काम करते हैं, ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे करेंगे।
– करीब 40 फीसदी डॉक्टर्स निजी प्रैक्टिस करते हैं, मरीज उनकी बजाए क्लीनिक में पैसा देकर इलाज क्यों कराएंगे।
– क्लीनिक में डॉक्टर्स तो रहेंगे, लेकिन जांचों के लिए तकनीकी स्टाफ न होने से रिपोर्ट के लिए लंबा समय लगेगा।
– प्रैक्टिस नहीं करने वाले अधिकतर डॉक्टर नॉन प्रैक्टिसिंग अनाउंस (एनपीए) लेते हैं, क्लीनिक में बैठने पर एनपीए नहीं मिलेगा।
डॉ. ज्योति बिंदल, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज