मालवा के महान चित्रकार डीडी देवलालीकर और उनके बाद की पीढ़ी में एमएफ हुसैन, डीजे जोशी, एनएस बेंद्रे, विष्णु चिंचालकर, चंद्रेश सक्सेना, रामजी वर्मा, सचिदा नागदेव आदि की पेंटिंग्स को एक साथ एक छत के नीचे देखना खूबसूरत अहसास से भर जाना है।
विष्णु चिंचालकर की पेंटिंग में दीपावली का माहौल है।
काष्ठ शिल्प को जेराज दस्सानी ने रूप दिया है
रामनारायण दुबे ने देवलालीकर का पोर्टे्रट ्रसेमी एब्सट्रेक्ट शैली में बनाया है। खासियत ये है कि इसमें गाढ़े रंगों से बहुत ही कम स्ट्रोक्स का इस्तेमाल कर बनाया गया है।
हरेराम वाजपेयी अमृताभिनंदन समिति की ओर से कैनरीज आर्ट गैलरी में ये नुमाइश लगाई गई