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संघ-भाजपा की कैंपेनिंग से पांडे ने मारी बाजी, बिरथरे फिर सचिव

locationइंदौरPublished: Sep 22, 2021 09:19:29 pm

उपाध्यक्ष पद पर निम और सहसचिव पद पर वंदावड़े जीते, सोमानी होंगे कोषाध्यक्ष

संघ-भाजपा की कैंपेनिंग से पांडे ने मारी बाजी, बिरथरे फिर सचिव

संघ-भाजपा की कैंपेनिंग से पांडे ने मारी बाजी, बिरथरे फिर सचिव

इंदौर. करीब 116 साल पुराने इंदौर अभिभाषक संघ के वार्षिक चुनाव में अध्यक्ष पद पर दिनेश पांडे ने बाजी मारी। आरएसएस और भाजपा नेताओं की कैंपेनिंग से फायदा मिला। पांडे ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सौरभ मिश्रा 130 से अधिक मतों से पराजित किया। सचिव पद पर कपिल बिरथरे ने फिर कब्जा जमाया। रमाकांत शर्मा और श्रीराम सिंह भदौरिया को निराशा हाथ लगी।
मंगलवार देर रात परिणाम की घोषणा की। विजयी उम्मीदवारों के समर्थकों ने ढोल-ढमाकों के साथ रात में जश्न मनाया। कोर्ट परिसर के बाहर जमकर आतिशबाजी की। उपाध्यक्ष पद पर जितेंद्र निम को सफलता मिली, जबकि अगले एक साल के लिए हरीश कुमार वंदावड़े संघ के सहसचिव होंगे। कोषाध्यक्ष पद पर पुरुषोत्तम सोमानी ने सफलता हासिल की। सुबह 11 से 4 बजे तक मतदान के बाद शाम 5 बजे से मतगणना शुरू हुई। देर रात को परिणाम जारी किए गए।

उम्मीदवारों के लिए दोनों प्रमुख दलों में रस्साकसी
अभिभाषक संघ चुनाव में कांग्रेस और भाजपा से जुड़े नेता पर्दे के पीछे से अपने उम्मीदवारों को जिताने को प्रयासरत थे। करीब 10 दिन पहले तक पांडे चुनावी जंग में पिछड़ते दिख रहे थे, लेकिन आखिरी समय में भाजपा और संघ से जुड़े नेताओं ने कैंपेनिंग कीी, जिसने उनकी जीत में भूमिका निभाई। वहीं कांग्रेस से जुड़े सौरभ मिश्रा की चुनावी तैयारियां बेहतर थी, लेकिन आखिरी समय में उन्हें अपेक्षाकृत मदद पार्टी से नहीं मिली। विधायक संजय शुक्ला के अलावा उनके रिश्तेदार और देवास सांसद महेंद्र सोलंकी ने भी कोर्ट परिसर पहुंचकर प्रचार किया, लेकिन मिश्रा चुनाव नहीं जीत सके। पूर्व सचिव गोपाल कचोलिया का व्यक्तिगत वोट बैंक था, लेकिन जीत नहीं दिला सका।
कार्यकारिणी सदस्यों के 6 पदों में शीर्ष पर दो महिला वकील
अभिभाषक संघ के वार्षिक चुनावों के अधिकृत परिणाम बुधवार अल सुबह करीब 5.30 बजे घोषित किए गए। कार्यकारिणी के 6 पदों में शीर्ष पर दो महिला वकील रहीं हैं। पल्लविका अध्यारू को सर्वाधिक 954 वोट मिले,दूसरे नंबर पर शालु वाघेला रहीं जिन्होंने 869 वोट हासिल किए। 835 वोट लाकर एडवोकेट रत्नेश पाल ने तीसरा स्थान हासिल किया। विजय व्यास (801), रामदास नैनावत (712) और राजय सिंह परिहार (693) भी कार्यकारिणी सदस्य के रूप में स्थान बनाने में कामयाब रहे। 17 उम्मीदवारों में शिवशंकर वर्मा को सबसे कम 242 वोट मिले।
बिरथरे ने हासिल किए सबसे अधिक वोट
सचिव पद पर जीत हासिल करने वाले कपिल बिरथरे ने पूरे चुनाव में सबसे अधिक वोट हासिल किए। उन्हें 1326 वोट मिले। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्रीराम सिंह भदौरिया को 583 वोट मिले। दोनों के वोटों के बीच का अंतर 743 रहा। तीसरे नंबर पर एडवोकेट रमाकांत शर्मा रहे जिन्हें महज 326 वोट ही मिले। सबसे अधिक वोट पाने के साथ ही सचिव पद पर पिछले पांच साल में अब तक की सबसे बड़ी जीत भी कपिल ने हासिल की है।
सोमानी की जीत का अंतर 511
कोषाध्यक्ष पद पर भी अपेक्षा के विपिरित एकतरफा चुनाव रहे। पुरुषोत्तम सोमानी को 1123 सदस्यों को समर्थन मिला। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रोशन कुमार कश्यप (612) को 511 मतो से पराजित किया। पिंकी सुनहरे को 474 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा। उपाध्यक्ष पदके लिए जितेंद्र निम को सर्वाधिक 907 वोट मिले। दूसरे नंबर पर मनोहर सिंह पंडितियिा रहे। सहसचिव पद के विजेता हरीश कुमार वंदावड़े को 838 वोट मिले। उनके बाद जितेंद्र यादव को 698 वोट मिले।
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