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इंदौर

माता-पिता सडक़ पर बच्चे को अकेला छोड़ गए, अब दो दिन बाद जा रहा इटली

माता-पिता सडक़ पर बच्चे को अकेला छोड़ गए, अब दो दिन बाद जा रहा इटली

इंदौरApr 22, 2019 / 03:47 pm

रीना शर्मा

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माता-पिता सडक़ पर बच्चे को अकेला छोड़ गए, अब दो दिन बाद जा रहा इटली

रीना शर्मा विजयवर्गीय इंदौर. दुनिया में कई ऐसे माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चों को बोझ समझकर दर-दर भटकने के लिए सडक़ों पर छोड़ देते हैं, लेकिन कभी-कभी ईश्वर को कुछ और ही मंजूर होता है। ऐसा ही कुछ हुआ शहर में सडक़ों पर घूम रहे करीब 3 साल के बच्चे के साथ। माता-पिता तो उसे बिलखता छोड़ गए, लेकिन किस्मत उसे अब इटली ले जाने वाली है।
तीन साल पहले मूसाखेड़ी थाने के बाहर पुलिस को रोता-बिलखता करीब तीन साल का बच्चा मिला। बच्चे से पूछताछ की, लेकिन मासूम कुछ नहीं बता पाया। पुलिस ने जैसे-तैसे बच्चे को चुप किया और माता-पिता की तलाश की। जब वे नहीं मिले तो चाइल्ड लाइन को सूचित कर बच्चे को संजीवनी सेवा संगम संस्था में भेजा गया। जानकारी के मुताबिक बच्चे का आईक्यू लेवल कम है, लेकिन इसके बावजूद इटली के बिजनेस क्लास दंपती ने इस बच्चे को गोद लेने के लिए अर्जी दी। अब तमाम बाधाओं से गुजरने के बाद ये बच्चा गोद लेने वाले माता-पिता के साथ दो दिन बाद इटली जाने वाला है।
जरूरी दस्तावेज और अनुमति पत्र तैयार

संजीवनी सेवा संगम की अधीक्षिका आशा सिंह राठौर ने बताया कि पिछले 10 माह के लगातार प्रयास के बाद अब इस बच्चे को इटली भेजने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज और अनुमति पत्र तैयार हो चुके हैं। 24 अप्रैल की शाम को इटली से दंपती आ जाएंगे और 25 अप्रैल को यह बच्चा लिगली उन्हें सौंप दिया जाएगा। आशा सिंह राठौर ने कहा कि संस्था 1981 से संचालित की जा रही है। कारा गाइडलाइन लागू होने के बाद यह दूसरा ऐसा बच्चा है जो फॉरेन अडॉप्शन के लिए जा रहा है। इसके पहले एक गर्ल चाइल्ड को भी इटली के एक दंपती ने गोद लिया था।
अब तक 20 बच्चो को लिया गोद

आशा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 1981 से अब तक करीब 20 बच्चों को गोद दिया जा चुका है। इन सभी बच्चों की हम समय-समय पर फॉलोअप रिपोर्ट लेते रहते हैं। गोद लेने वाले ज्यादातर दंपती के आंगन में कभी किलकारी नहीं गूंजी थी और इन बच्चों को भी माता-पिता के प्यार की जरूरत थी। इनमें से कई बच्चे पढ़-लिखकर काबिल भी बन चुके हैं।

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