रैकी के बाद यात्रियों के सोने का करते हैं इंतजार
-बदमाश वॉशरूम या वॉश बेसिन के पास खड़े रहते हैं और मोबाइल या चेन स्नैचिंग कर ट्रेन से कूद जाते हैं।
-बदमाश ट्रेन में रैकी करते हैं और जहां राशि अधिक होने की संभावना होती है, उन्हें टारगेट करते हैं। ऐसे यात्रियों के सोते ही वारदात करते हैं।
-पहले से टारगेट होने के कारण ऐसे यात्री सामान छोड़कर वॉशरूम भी जाते हैं तो सामान चोरी हो जाता है।
26 अगस्त 2021 को यशवंतपुर-इंदौर ट्रेन के एस-1 कोच में सवार यात्री ने जीआरपी थाने में केस दर्ज कराया था कि रात करीब ढाई बजे नींद लग गई थी। सुबह करीब 7 बजे नींद खुली तो पता चला कि 1.20 लाख के गहने और 18 हजार नकदी चोरी हो गए।
ये रखें सावधानी
-महिलाए पर्स साथ रखें, हैंड बैग और सूटकेस को मोटी चेन से लॉक करें।
-सोते समय बैग सिर के नीचे या बैग के बेल्ट को हाथ में फंसाकर रखें।
-रिजर्वेशन कोच में संदिग्ध दिखें तो जीआरपी थाने पर सूचना दें।
ये हैं चोरी की घटनाएं
-1 अक्टूबर 2021 को जयपुर-बांद्रा ट्रेन के यात्री गहरी नींद में थे। उनकी जेब से 2.25 लाख चोरी हो गए। वारदात रात करीब ढाई से 5 बजे के बीच की है।
-जयपुर-बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेन में 25 जून 2021 को महिला का पर्स चोरी हुआ। इसमें सोने का हार, मोबाइल व अन्य सामान था।
-बांद्रा एक्सप्रेस में 31 जनवरी 2022 को महिला का पर्स चोरी हुआ। रतलाम निकलने के बाद परिवार सो गया था। सुबह परिजन उठे तो सात हार, 2 मंगलसूत्र, 2 ब्रेसलेट सहित 4 लाख के जेवरात की चोरी हो गई।
-झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस के ए-1 कोच में महिला यात्री का बैग चोरी हुआ। इसमें मंगलसूत्र सहित 1.5 लाख रखे थे।
-14 नवंबर 2021 को ग्वालियर-डोंड एक्सप्रेस से महिला के पर्स से जेवरात और 41 हजार नकदी चोरी हुए।
चार थानों में 128 चोरी
डिटेक्टिव एवं सायबर विंग के निरीक्षक एमए सैयद के मुताबिक, 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच चोरी के 128 केस दर्ज किए गए। चोरियों का यह आंकड़ा इंदौर, रतलाम, उज्जैन और शामगढ़ थानों का है। इनमें ज्यादा मामले जेवरात, नकदी चोरी के हैं। विवेचना अधिकारी भी मानते हैं कि नागदा, रतलाम और उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रात ढाई से सुबह पांच बजे के बीच चोरियां अधिक होती हैं।
कार से उज्जैन पहुंचते थे बदमाश
2 मई 2022 को जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस में दीपक मोहता निवासी नागपुर की परी का पर्स चोरी हुआ। इसमें जेवरात और नकदी सहित 1.80 लाख का सामान गया। मामले में किरण पिता भगतसिंह वानी, विक्की पिता राजू, किशोर पिता गेढ़ीराम, धीरज पिता अंबर वानी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पुणे से किराये की कार से उज्जैन रेलवे स्टेशन पहुंचते। यहां ट्रेन रूकते ही चोरी कर पुणे लौट जाते थे।