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PATRIKA STING : 10वीं में पास करवाने का चल रहा सौदा, 10 हजार में बता रहे 25 नंबरों के जवाब, देखें VIDEO

locationइंदौरPublished: Jul 11, 2019 02:36:24 pm

शिक्षा में सौदेबाजी : बाणगंगा के नाइटिंगल स्कूल में पैसा लेकर छात्रों को परीक्षा केंद्र में नकल करवाने की अभी से हो रही सेंटिंग
 

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PATRIKA STING : 10वीं में पास करवाने का चल रहा सौदा, 10 हजार में बता रहे 25 नंबरों के जवाब, देखें VIDEO

भूपेंद्र सिंह @ इंदौर. बाणगंगा ब्रिज के पास छोटी सी बिल्डिंग में चल रहे नाइटिंगल स्कूल में शिक्षा की सौदेबाजी की जा रही है। यहां बैठे लोग 10वीं में एडमिशन के साथ ही 10 हजार में परीक्षा पास करवाने की ग्यारंटी तक ले रहे हैं। छात्र बनकर एडमिशन लेने पहुंचे पत्रिका एक्सपोज रिपोर्टर इस पूरे मामले का खुलासा किया है। रिपोर्टर ने नाइटिंगल स्कूल से दसवीं में एडमिशन की बात के साथ ही परीक्षा केंद्र पर नकल की मांग भी की, तो स्कूल संचालक तुरंत तैयार हो गया। संचालक ने 25 प्रतिशत यानी 25 नंबरों की नकल करवाने की परीक्षा केंद्र पर हामी भर दी। इसके एवज में बेखौफ होकर 10 हजार रुपए की मांग भी कर डाली।
एडमिशन के साथ सौदेबाजी शुरू

एडमिशन के साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में नकल की ग्यारंटी देना चौकाने वाली बात है। इससे गड़बड़ी करने वाले स्कूल संचालकों की ऊपर तक पहुंच जाहिर होती है। उक्त स्कूल संचालक छात्रों से बिना नकल परीक्षा दिलवाने के ४ हजार और नकल करवाने के 10 हजार रुपए एडवांस में लेता है। शिक्षा में ऐसी सौदेबाजी चलती रही तो पढ़-लिखकर परीक्षा देने वाले छात्र खुद को ठगा ही महसूस करेंगे।
छात्र बनकर एडमिशन लेने पहुंचे रिपोर्टर और स्कूल संचालक के बीच बातचीत के कुछ अंश…

रिपोर्टर : सर दसवीं का फॉर्म भरना था।
स्कूल संचालक : जी बैठिए, तो दसवीं का फॉर्म भरना है आपको।
रिपोर्टर : जी हां।
स्कूल संचालक : कब छोड़ी आपने पढ़ाई।

रिपोर्टर : करीब 5 साल हो गए हैं।
स्कूल संचालक : दसवीं की मार्कशीट मिल जाएगी।

रिपोर्टर : नहीं, 9वीं की है। मैं 9वीं तक ही पढ़ा था।
स्कूल संचालक : 8वीं और 9वीं की मार्कशीट की फोटोकॉपी देना पड़ेगी। चार फोटो नाम वाले। क्या नाम है आपका।
रिपोर्टर : भूपेन्द्र सिंह, इसमें फीस कितनी लगेगी।
स्कूल संचालक : करीब 4 हजार रुपए का खर्चा आएगा।

रिपोर्टर : साल भर का।
स्कूल संचालक : हां, पढ़ाई करना पड़ेगी आपको, कोचिंग पढ़ लोगे।
रिपोर्टर : नहीं स्कूल तो नहीं आ पाउंगा।
स्कूल संचालक : अच्छा।

रिपोर्टर : इस रोड पर एक फैक्ट्री है, वहां काम करता हूं तो समय नहीं मिलता है। दिक्कत यहीं है कि स्कूल नहीं आ पाउंगा।
स्कूल संचालक : काम से कब छूटते हो।
रिपोर्टर : शाम को 7-8 बजे, इसमें परीक्षा में मदद मिलती है।
स्कूल संचालक : हां, प्रेक्टिकल में नंबर मिल जाते हैं।

रिपोर्टर : दूसरे चीजों में
स्कूल संचालक : परीक्षा देने जाना पड़ेगा।
रिपोर्टर : परीक्षा देने तो जाउंगा।
स्कूल संचालक : थोड़ा घर पर पढ़ाई कर लेना। कोई दिक्कत आए तो पूछ लेना। दो तरह से फॉर्म भराता है। सरकारी स्कूल से भी फॉर्म भर सकते हो लेकिन उसका सेंटर कहां आएगा पता नहीं चलेगा। सेंटर दूर-दूर तक आते हैं। हमारे स्कूल से भरने में यह रहता है कि सेंटर आसपास ही आता है। जहां हमारे बच्चे रहेंगे, वहीं आपका भी आएगा। अगर आपके पास कोई पढऩे वाला बच्चा मिल गया तो आप उससे पूछ सकते हंै। आजकल एक टेबल पर दो बच्चे बैठते हंै।
रिपोर्टर : तो यही ठीक रहेगा।
स्कूल संचालक : आजकल जो 25 नंबर के ऑब्जेक्टिव आते हैं, सबके एक जैसे होते हैं। किसी ने एक को बताया तो सबको एक जैसा पता चल जाता है। जैसा भी आपको लगे, बता देना।
रिपोर्टर : चार हजार रुपए देने होंगे।
स्कूल संचालक : हां एक साथ देना होंगे।

रिपोर्टर : एग्जाम में कुछ बताएंगे क्या। उसमें कुछ एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा तो मैं दे सकता हूं क्योंकि मुझसे पढ़ाई नहीं हो पाएगी।
स्कूल संचालक : ऑब्जेक्टिव करवा देंगे। हम ऑब्जेक्टिव करवा सकते हैं।
रिपोर्टर : मतलब जो सही विकल्प आते है वो।
स्कूल संचालक : हां

रिपोर्टर : कितने नंबर के आते हंै।
स्कूल संचालक : 25 नंबर के होते हंै।

रिपोर्टर : सभी विषयों में आते हंै।
स्कूल संचालक : हां सभी विषयों में आते हंै।
रिपोर्टर : उसमें सेंटर में मिल जाएगी मदद
स्कूल संचालक : हां मिल जाएगी। उसमें करीब 10 हजार रुपए का खर्चा आएगा।

रिपोर्टर : 10 हजार में 25 प्रतिशत बताएंगे।
स्कूल संचालक : हां
रिपोर्टर : 10 हजार रुपए एक साथ देने पड़ेंगे।
स्कूल संचालक : नहीं किस्त में दे देना।

रिपोर्टर : आब्जेक्टिव से पास हो जाएंगे।
स्कूल संचालक : हां हो जाओगे। रोल नंबर के पहले देना होंगे पैसे।
रिपोर्टर : पास तो हो जाएंगे।
स्कूल संचालक : हा हो जाओगे ग्यारंटी से।

रिपोर्टर : वहां कोई सर वगैरह रहते हंै।
स्कूल संचालक : हां रहते हैं।

रिपोर्टर : वो मदद करेंगे।
स्कूल संचालक : हां।
रिपोर्टर : कब तक भर तक भर सकते है फॉर्म
स्कूल संचालक : 10 जुलाई तक

रिपोर्टर : ठीक है फिर मैं बताता हूं।
(नोट : स्टिंग की वीडियों पत्रिका के पास सुरक्षित है)
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आने-जाने के लिए छोटा गलियारा, खेल मैदान भी नहीं

बाणगंगा ब्रिज के पास करीब 15 फीट चौड़ी बिल्डिंग में यह स्कूल नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहा है। बच्चों के आने-जाने के लिए केवल छोटा-सा गलियारा ही है। स्कूल में खेल मैदान भी नहीं है। उसके बावजूद स्कूल संचालक धड़ल्ले से स्कूल तो चला ही रहा है, साथ में छात्रों को नकल करवाकर पास करवाने का काम भी जारी है।
अधिकारियों की अनदेखी

एक ओर स्कूल नियमों को ताक पर रखकर चलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर पास करवाने का खेल भी स्कूल संचालक कर रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। परीक्षा केंद्र पर नकल करवाने का दावा विभाग की सख्ती की पोल खोल रहा है क्योंकि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर यह सब संभव नहीं है।
करवाएंगे एफआइआर

स्कूल संचालक अगर परीक्षा केंद्र पर नकल करवाकर पास करवाने की बात कर रहे हैं, तो यह बहुत ही गलत है। मामले की जांच करवाकर दोषी पाए जाने वालो पर कड़ी कार्रवाई के लिए एफआइआर करवाई जाएगी।
नेहा मीणा, सीइओ, जिला पंचायत

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