डॉ. कृति एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुकी हैं। वे अब रेडियो डायग्नोसिस में एमडी कर रही हैं। उन्होंने बताया, 8 गोल्ड मेडल पाना सरप्राइजिंग था। उन्हें 8 में से 4 गोल्ड मेडल चार विषयों में टॉप करने के लिए दिए गए। वहीं एक मेडल ओवरऑल यूनिवर्सिटी टॉप करने और एक मेडल ओवरऑल एमबीबीएस में यूनिवर्सिटी टॉप करने के लिए दिया गया। वहीं डॉ. आरपी सिंह मेमोरियल गोल्ड मेड और डॉ. हेडगेवार मेमोरियल मेडल से भी उन्हें सम्मानित किया गया। बारहवीं में वे सिटी टॉपर थीं। 2013 में नीट क्लियर किया था और ऑलइंडिया रैंक 161 आई थी, जबकि मध्यप्रदेश में सातवीं रैंक थी।
निरंतर पढ़ाई करना जरूरी
डॉ. कृति एमबीबीएस की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को रिविजन पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की सलाह देती हैं। उन्होंने कहा कि निरंतर पढ़ाई करना जरूरी है। स्टैंडर्ड बुक्स से ही पढ़ाई करें और जो कॉलेज में पढ़ाया जा रहा है, उसे रोज रिवाइज जरूर करें, इससे कांसेप्ट क्लियर होते हैं, जो एग्जाम में फायदेमंद रहता है।
इंदौर की अर्चना शर्मा world की 1000 लीजेंड वुमन में शामिल
दि रिपब्लिक ऑफ वुमन संगठन ने चुना
इंदौर. दि रिपब्लिक ऑफ वुमन संगठन संयुक्त रूप से एक स्वतंत्र काउंसिल की घोषणा करने जा रहा है। इसके लिए 120 से अधिक देशों की 1000 महिलाओं को शॉर्टलिस्ट किया है, जिनमें इंदौर की सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना शर्मा भी शामिल हैं। दि रिपब्लिक ऑफ वुमन की चीफ एग्जीक्यूटिव बोर्ड की सदस्य क्रिस्टीना ने बताया, इन नॉमिनेशंस में डिजर्विंग महिलाओं के कार्यों को देखते हुए उन्हें चुना है। अर्चना को सर्टिफिकेशन फॉर यू एन कंट्रीज द्वारा शामिल किया गया है। उन्हें महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने के लिए चुना गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न टाइटल्स रखे गए हैं, जैसे ग्लोबल वुमन थिंक टैंक, शी फॉर चेंज, ब्यूटी ऑन अर्थ, ब्यूटी ऑफ ब्रेवरी, प्रिंसेस ऑफ ह्यूमेनिटी आदि। अर्चना ने कहा, मैंने इन नॉमिनेशंस के लिए कभी आवेदन नहीं किया था। सब कुछ चीफ एग्जीक्यूटिव बोर्ड फॉर यूएन कंट्रीज ने स्वत: किया है। बता दें, अर्चना शर्मा उद्यमी और सोशल वर्कर हैं। उन्हें 2019 में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार वुमन इन बिजनेस से भी सम्मानित किया जा चुका है।