शनिवार को राऊ विधानसभा के रंगवासा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पटवारियों को लेकर एक विवादित बयान दे दिया। उसके बाद से पटवारियों ने काम बंद कर दिया है। मांग है कि जब तक मंत्री माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। बुधवार तक वे सीएल पर थे, लेकिन आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
इंदौर में पटवारियों ने अपनी-अपनी तहसीलों में बस्ते रख दिए। इस मामले में कल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पटवारियों को कठघरे में खड़ा करने वाला एक बयान जारी कर दिया। कहना था कि पटवारी नामांतरण और बंटवारे के नाम पर इंदौर में तीन से पांच लाख रुपए की रिश्वत ले रहे हैं। ये परंपरा खत्म होना चाहिए। बयान के बाद पटवारी ओर भड़क गए हैं। उनका कहना है कि अब तक मंत्री पटवारी के साथ अब पूर्व मुख्यमंत्री सिंह माफी नहीं मांगते तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
किसानों को फसल बर्बादी का पैसा नहीं देना चाहती सरकार
मध्यप्रदेश पटवारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्रसिंह बघेल ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बरसात की वजह से किसानों की अधिकांश जगह 100 प्रतिशत फसलें नष्ट हो गई हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा देने के लिए सर्वे करना होगा। बीमा बाद में मिलेगा, लेकिन प्रदेश सरकार को मुआवजा देना पड़ेगा।
हमने फसलों की गिरदावरी कर दी है उसके हिसाब से मुआवजा दिया जाए। सरकार की मुआवजा देने की नीयत भी नहीं। बात रही पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के बयान की तो उन्हें मालूम नहीं है कि अब नामांतरण व बंटवारे के सारे केस तहसीलदार की अदालत में जाते हैं। पटवारी सीधे कुछ नहीं कर सकता है। अब तो सरकार ने रजिस्ट्री व सरकारी रिकॉर्ड को जोड़ दिया है। जैसे ही रजिस्ट्री होती है वैसे ही रिकॉर्ड में नामांतरण हो जाता है। सिंह जैसा बोल रहे हैं वह कहीं हुआ तो रिश्वत देने और लेने वालों को पकड़कर कार्रवाई करें सरकार आपकी है।
हमारा कहना है कि सब पटवारी बेईमान थोड़े हैं। सिंह बता रहे हैं कि 3 से 5 लाख रुपए पटवारी को रिश्वत लगती है। हमारा कहना है कि ये रेट उनके पटवारी के तो नहीं हैं, जो तबादलों में ले रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व मंत्री से माफी मांगने के अलावा अब पटवारी संघ समयमान व वेतनमान की मांग भी करेगा।