जनता का सीधे तौर पर सबसे ज्यादा काम किसी से पड़ता है तो वह पटवारी है। इस बात का लाभ लेकर वे कोई भी काम आसानी से नहीं करते। जब तक उनसे सरकारी व्यवहार नहीं निभाया जाता तब तक कुछ नहीं होता है। पीडि़त भले ही कई चक्कर लगा ले। ऐसी ही लापरवाही करने वालों पर अब कार्रवाई होगी। शुरुआत राऊ एसडीओ प्रतुल्ल सिन्हा ने कर दी है। कल इंदौर कस्बे के पटवारी रितेश राणा को कारण बताओ नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा है। तय सीमा में जवाब नहीं दिया जाता है तो एक पक्षीय कार्रवाई की तैयारी भी है।
बिना स्वीकृति के छुट्टी
रितेश राणा ने छुट्टी को लेकर आवेदन दिया था। वे 2 से 13 मई के बीच अवकाश पर जा रहे थे। इसका आवेदन 25 अप्रैल को दिया गया, जबकि अवकाश शुरू होने के 21 दिन पहले दिया जाना था। वहीं वह छुट्टी की मंजूरी बगैर आवेदन पर ही छुट्टी चला गया। इसकी जानकारी आरआई को भी नहीं दी और न ही किसी को प्रभार दिया। राजस्व निरीक्षक को भी जानकारी नहीं दी। बड़ी बात ये है कि पटवारी हलके भी किसी को सौंप कर नहीं गए। दशहरा मैदान पर अतिक्रमण हटाने को लेकर तहसीलदार ने निर्देश दिए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। ये सारे कृ्त्य शासकीय कार्य में लापरवाही के हैं। उसके ये कृत्य सिविल सेवा आचरण संहिता के प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं। कारण बताएं कि आपके इस कृ्त्य के लिए क्यों न आपको निलंबित करते हुए आपके खिलाफ विभागीय जांच की जाए। एसडीओ सिन्हा ने कहा कि 18 मई तक जवाब दें, नहीं तो एकतरफा कार्रवाई होगी।
एक दर्जन से अधिक लोकायुक्त के केस
इंदौर में पटवारियों को लेकर खासी नाराजगी है। इसके चलते पीडि़त जनता सीधे लोकायुक्त पुलिस के पास जा रही है। कुछ वर्षों में अब तक एक दर्जन से अधिक पटवारी रंगेहाथ पकड़ा चुके हैं तो कुछ के घर छापामार कार्रवाई हुई।
इंदौर में पटवारियों को लेकर खासी नाराजगी है। इसके चलते पीडि़त जनता सीधे लोकायुक्त पुलिस के पास जा रही है। कुछ वर्षों में अब तक एक दर्जन से अधिक पटवारी रंगेहाथ पकड़ा चुके हैं तो कुछ के घर छापामार कार्रवाई हुई।
ये थमाया नोटिस
प्रकरण की समीक्षा में पाया गया कि सुलक्षणा के आवेदन पत्र पर बारीकी से जांच किए बगैर रिपोर्ट पेश कर दी। इस्माइल खान को बतूल बी के मकान में निवास करना बताया। किरायानामा से संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। बतूल बी उसके परिवार की ही सदस्य है और उसके बाद भी इस्माइल को किराएदार होना बताया। उसके नाम से कोई चल-अचल संपत्ति न होने का प्रतिवेदन पेश किया गया। शासकीय अधिवक्ता ने तहसीलदार व आरआई के समक्ष यह जानकारी दी कि कस्बा इंदौर की एक भूमि के बटांकन के संबंध में प्रतिवेदन पेश करने के लिए उन्होंने कई बार आपसे संपर्क किया। तहसीलदार महेंद्र गौड़ ने भी बटांकन का प्रतिवेदन पेश करने के लिए कहा, लेकिन आज तक नहीं किया। छह अन्य मामलों में भी प्रतिवेदन पेश नहीं किए।
प्रकरण की समीक्षा में पाया गया कि सुलक्षणा के आवेदन पत्र पर बारीकी से जांच किए बगैर रिपोर्ट पेश कर दी। इस्माइल खान को बतूल बी के मकान में निवास करना बताया। किरायानामा से संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। बतूल बी उसके परिवार की ही सदस्य है और उसके बाद भी इस्माइल को किराएदार होना बताया। उसके नाम से कोई चल-अचल संपत्ति न होने का प्रतिवेदन पेश किया गया। शासकीय अधिवक्ता ने तहसीलदार व आरआई के समक्ष यह जानकारी दी कि कस्बा इंदौर की एक भूमि के बटांकन के संबंध में प्रतिवेदन पेश करने के लिए उन्होंने कई बार आपसे संपर्क किया। तहसीलदार महेंद्र गौड़ ने भी बटांकन का प्रतिवेदन पेश करने के लिए कहा, लेकिन आज तक नहीं किया। छह अन्य मामलों में भी प्रतिवेदन पेश नहीं किए।