नायता मुण्डला स्थित आरटीओ दफ्तर में पदस्थ प्यून संदीप खरनाल के पास एक महंगी कार है। ये कार एक वर्ष पहले खरीदी गई थी, लेकिन इसका अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया, जबकि कार खरीदने के एक सप्ताह में वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर जारी हो जाता है।
बाद में हटा लिया नंबर संदीप ने अपनी कार बिना रजिस्ट्रेशन के चलाना शुरू किया तो दफ्तर में सवाल खड़े होने लगे। इसके बाद उसने भाजपा नेता पवन कुमार लड्ढा की कार का रजिस्ट्रेशन नंबर अपनी कार पर चस्पा कर लिया। यह नंबर कई महीनों तक चस्पा रहा। इसके बाद किसी के द्वारा बताए जाने पर संदीप ने नंबर हटा लिया।
मैंने तो बेच दी कार इस पूरे मामले में संदीप से बात की तो उसने बताया कि कार मेरे पास ही थी, लेकिन पसंद का नंबर नहीं मिलने पर तीन महीने पहले बेच दी। इस मामले में हम नियमों की बात करें तो जिस वाहन का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है, उसे कैसे बेचा जा सकता है।
यह है नियम नियमानुसार वाहन खरीदने के बाद टैक्स राशि वसूली जाती है, इसके बाद ही रजिस्ट्रेशन नंबर जारी होता है। अगर संदीप ने कार का रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है, तो फिर अपने विभाग को टैक्स भी नहीं भरा है।
ऐसा हुआ, तो गलत है
भाजपा नेता पवन कुमार लड्ढा ने बताया कि मुझे भी किसी ने बताया था कि मेरी कार (एमपी-09सीजेड 2700) के रजिस्ट्रेशन नंबर से दूसरी कार भी चल रही है। मेरे पास आरसी कार्ड व अन्य दस्तोवज हैं, इसलिए मैंने पड़ताल नहीं की। अगर ऐसा हुआ है तो गलत है।